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महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश में भाजपा को एक साथ लगा झटका

संजय राउत को जमानत आजम खान पर निर्देश

  • शिवसेना के उद्धव शिविर में उत्साह का माहौल

  • शिंदे के कहा था निर्दोष हैं तो जांच का सामना करें 

  • आजम खान की सीट पर चुनाव आयोग अभी कुछ ना करें

राष्ट्रीय खबर

मुंबईः पिछले साढ़े तीन महीने से जेल में बंद शिवसेना नेता संजय राउत को आज जमानत मिल गयी। उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ मनी लाउंड्रिग एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। आरोप था कि उन्होंने एक जमीन के सौदे में पैसा लिया है। आज भी ईडी की तरफ से उनकी जमानत अर्जी का विरोध किया गया लेकिन अदालत ने इसे खारिज करते हुए उन्हें जमानत दे दी। शाम को वह जेल से बाहर भी आ गये और समर्थकों के साथ जुलूस की शक्ल में निकले।

इस सूचना के बाद शिवसेना के उद्धव कैंप में उत्सव का माहौल है। राज्यसभा सांसद राउत को जमानत मिलने के बाद उनके भाई ने कहा कि यह तो हमारे परिवार के लिए दूसरी दीपावली जैसी है। भाजपा के खिलाफ काफी आक्रामक रहे इस नेता के बाहर आने से यह तय है कि अब उद्धव खेमा की गतिविधियां और तेज होंगी और एकनाथ शिंदे के खेमा में जारी असंतोष का कोई विस्फोट भी हो सकता है। उनकी जमानत अर्जी पर गत 21 अक्टूबर को दोनों पक्षों को सुन लेने के बाद अदालत ने फैसला स्थगित कर दिया था।

संजय राउत के भाई संदीप राउत ने कहा कि यह खुशी का दिन है। गत एक अगस्त को ईडी द्वारा हिरासत में लिये जाने के वक्त भी संजय राउत ने हथियार नहीं डालने की बात कही थी। उनके खिलाफ मुंबई में एक बड़ी जमीन पर आवासीय कॉलोनी के निर्माण में गड़बड़ी का आरोप लगा था। उद्धव ठाकरे कैंप के मुखर नेता समझे जाने वाले राउत के साथ महाविकास अगाड़ी के अन्य सहयोगी दलों के नेताओं के साथ भी बेहतर तालमेल था। इसलिए तय है कि उनके जेल से बाहर आने के बाद राजनीतिक सक्रियता तेज होगी।

गिरफ्तारी के वक्त भी राज्यसभा सांसद ने आरोप लगाया था कि सिर्फ भाजपा के इशारे पर फर्जी मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उस वक्त खेमाबदल कर मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे ने यह कहा था कि अगर वह निर्दोष हैं तो उन्हें जांच का सामना करना चाहिए।
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करते ही न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने आजम खान के मामले में चुनाव आयोग को निर्देश जारी कर दिया। उनकी अयोग्यता के फैसले पर रोक लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा है कि मामले का फैसला होने तक चुनाव आयोग उस सीट पर उपचुनाव की कोई कार्रवाई नहीं करे। बता दें कि आजम खान को अयोग्य घोषित किये जाने के बाद रामपुर सदर पर उपचुनाव का एलान किया गया था। आजम खान पर घृणा भड़काने वाले एक भाषण के क्रम में यह कार्रवाई की गयी थी।

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्पेशल सेशंस कोर्ट को गुरुवार तक इस मामले में सुनवाई करने का निर्देश दिया। अदालत यह तय करेगी कि उनके खिलाफ जो आरोप लगाये गये हैं, वे जायज हैं अथवा नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस मामले का निष्पादन होने के बाद ही चुनाव आयोग इस पर आगे की कोई कार्रवाई कर सकेगा। आजम खान को गत 27 अक्टूबर को रामपुर कोर्ट ने तीन साल की सजा इसी मामले में सुनाया था।

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