संपादकीय

सुकेश का खुलासा साजिश या सच्चाई

तिहाड़ की मंडोली जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने बड़ा खुलासा किया है। दिल्ली के उपराज्यपाल को गोपनीय चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि तिहाड़ में प्रोटेक्शन मनी के तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता व दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को उसने 10 करोड़ रुपये दिए थे।

जेल में बंद एक कैदी द्वारा उपराज्यपाल को लिखी गयी चिट्ठी सार्वजनिक कैसे हुई, उसका पता नहीं चलना ही इस पूरे प्रकरण को संदिग्ध बना देता है। दरअसल इसके पहले भी कई बार इसी तरह अज्ञात माध्यमों से ऐसी सूचनाएं बाहर आती रही हैं जो दरअसल भाजपा को चुनावी लाभ पहुंचाने वाली साबित हुई हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ सुकेश चंद्रशेखर ने गंभीर आरोप लगाया है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को लिखी एक चिट्ठी में 200 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले सुकेश चंद्रशेखर ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन को उसने 10 करोड़ रुपए दिए थे। इतना ही नहीं, उसने दावा किया है कि तिहाड़ डीजी को भी उसने पैसे दिए हैं।

यह चिट्ठी बाहर कैसे आयी, सबसे पहले तो इस सवाल का उत्तर नहीं मिल रहा है। इस पत्र में चंद्रशेखर ने दावा किया कि वह सत्येंद्र जैन को 2015 से जानता है और उसने आम आदमी पार्टी में 50 करोड़ का चंदा दिया है जिसके बदले में आम आदमी पार्टी ने उसे साउथ इंडिया में पार्टी में मुख्य पद देने का वादा किया और राज्यसभा में भी भेजने का वादा किया था।सुकेश का खुलासा साजिश या सच्चाई

सुकेश ने अपने पत्र में दावा किया है कि वह करप्शन और इकोनॉमिक्स ऑफेंस के कुछ केस में 2017 से जेल में बन्द है। पत्र के मुताबिक सुकेश ने कहा, ‘2017 में पार्टी सिंबल केस में जब मेरी गिरफ्तारी हुई और मैं तिहाड़ जेल में था तो जेल मंत्री सत्येंद्र जैन कई बार आकर मुझे मिले और मुझसे कई बार पूछा कि गिरफ्तार करने वाली जांच एजेंसी को आपने मुझे जो पैसे दिए हैं, उसके बारे में कोई जानकारी तो नहीं दी। साथ ही उसके खास दोस्त सुशील से मेरी जेल में मुलाकात हुई और मुझे हर महीने 2 करोड़ रुपए प्रोटेक्शन मनी जेल में सेफ्टी के लिए देने को कहा गया और साथ ही सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मांगा गया।

सुकेश ने आरोप लगाया है कि मुझे डेढ़ करोड़ रुपए डीजी तिहाड़ जेल संदीप गोयल को भी देने को कहा गया और कहा गया कि डीजी उनका भरोसेमंद अफसर है। मेरे ऊपर 2-3 महीने में 10 करोड़ रुपए देने का दबाव बनाया गया। ये सभी पैसे कलकत्ता में सत्येंद्र जैन के खास एसोसिएट चतुर्वेदी ने कलेक्ट किया। मैंने टोटल 10 करोड़ रुपए सत्येंद्र जैन और 12.50 करोड़ रुपए डीजी तिहाड़ जेल संदीप गोयल को दिए। इस पत्र के सत्यता की पुष्टि नहीं होने के बाद भी पत्र में यह कहा गया है कि ईडी की जांच के दौरान मैंने डीजी तिहाड़ द्वारा चलाए जाने वाला रैकेट का खुलासा किया था और हाईकोर्ट के जरिए इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की थी, जिसमें कोर्ट ने नोटिस जारी करके अगले महीने सुनवाई रखी है।

सीबीआई जांच के दौरान भी मैंने सत्येंद्र जैन और डीजी तिहाड़ को जो पैसे दिए उसके बारे में जानकारी दी, पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। मजेदार स्थिति यह है कि इस पत्र की चर्चा होने क साथ साथ भाजपा का आम आदमी पार्टी पर आरोपों की बौछार भी हो गयी। मानों यह सब कुछ पहले से ही तैयार था और इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब चुनाव से पहले वो कुमार विश्वास को लेकर आए थे। गुजरात में इतनी बुरी हालत हो रही है कि उन्हें सुकेश चंद्रशेखर की जरूरत पड़ रही है। परसों मोरबी का हादसा होता है। लगता नहीं कि मोरबी से ध्यान भटकाने के लिए फर्जी स्टोरी प्लांट की गई है।अब सभी चैनल सुकेश की बात कर रहे हैं।

18 अक्टूबर को लिखी गई इस चिट्ठी के बाद उपराज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं। उधर, इस मामले में भाजपा ने भी पलटवार किया है। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सत्येंद्र जैन दरअसल सुकेश के दोस्त हैं। एक जेल से क्राइम कर रहे थे और एक जेल के बाहर से। केजरीवाल सरकार जनता को ठगने का काम कर रही है। इसका जवाब जनता आने वाले समय में देगी। लेकिन इसके बीच ही यह स्पष्ट होता जा रहा है कि करंसी नोटों पर लक्ष्मी और गणेश के चित्र लगाने की मांग कर केजरीवाल ने भाजपा के हिंदू कार्ड को विफल कर दिया है। साथ ही उन्होंने इसी एक बयान के माध्यम से देश की बदहाल अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।

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