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ढाका में बम विस्फोट में एक की मौत

चुनाव से ठीक पहले बांग्लादेश में गहराता राजनीतिक संकट

नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बुधवार शाम हुए एक शक्तिशाली विस्फोट ने देश में पहले से ही व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता को और अधिक गंभीर बना दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना ढाका के व्यस्त मोगबाजार इलाके में स्थित फ्रीडम फाइटर्स मेमोरियल के पास हुई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक फ्लाईओवर के ऊपर से अज्ञात हमलावरों ने नीचे की ओर एक कच्चा बम (कॉकटेल बम) फेंका। यह बम सीधे सयाम नामक एक युवक के सिर पर गिरा और भीषण धमाके के साथ फट गया। सयाम की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत पैदा कर दी है, जिसके बाद पुलिस ने क्षेत्र की घेराबंदी कर हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है।

यह विस्फोट ऐसे संवेदनशील समय पर हुआ है जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और जिया परिवार के उत्तराधिकारी तारिक रहमान करीब 17 साल के लंदन निर्वासन के बाद गुरुवार को स्वदेश लौटने वाले हैं। उनकी वापसी को लेकर देश का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना या बड़े दंगे को रोकने के लिए ढाका में डबल-लेयर सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। इसमें सरकारी सुरक्षा बलों के साथ-साथ पार्टी स्तर के स्वयंसेवकों को भी तैनात किया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

आंतरिक अशांति के साथ-साथ बांग्लादेश के भारत के साथ राजनयिक संबंध भी अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गए हैं। हाल ही में बांग्लादेशी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या और एक हिंदू कर्मचारी की पीट-पीट कर की गई हत्या (लिंचिंग) ने आग में घी डालने का काम किया है।

इन घटनाओं के विरोध में दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग और ढाका स्थित भारतीय दूतावास के बाहर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत ने बांग्लादेशी दूत रियाज हामिदुल्लाह को तलब कर हादी की हत्या की गहन जाँच की मांग की है। वहीं, ढाका ने दिल्ली और सिलीगुड़ी में अपने मिशनों के बाहर हुई तोड़फोड़ की घटनाओं पर कड़ा ऐतराज जताया है।

सांप्रदायिक हिंसा और अंतरराष्ट्रीय चिंता सांप्रदायिक तनाव तब और बढ़ गया जब मैमनसिंह क्षेत्र में एक हिंदू व्यक्ति, दीपू चंद्र दास की हत्या की खबर सामने आई। चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग पर प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने के प्रयास के बाद भारत ने सुरक्षा कारणों से वहां वीजा सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दी हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक कड़ा बयान जारी करते हुए कहा है कि वह चरमपंथी तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे “झूठे नैरेटिव” को सिरे से खारिज करता है। भारत ने गहरा खेद जताया है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इन हिंसक घटनाओं की न तो सार्थक जांच कर रही है और न ही दोषियों के खिलाफ सख्त सबूत साझा कर रही है।