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भारत-ओमान व्यापार समझौता तीन महीने के भीतर होगा लागू: पीयूष गोयल

नरेंद्र मोदी के कूटनीतिक दौरे से व्यापार की गति तेज

  • शून्य शुल्क की पहुंच की पेशकश

  • भारतीय निवेशकों के लिए नया अवसर

  • ओमान के उद्योगपति भी इससे उत्साहित

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को जानकारी दी कि भारत और ओमान 18 दिसंबर को हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते को अगले तीन महीनों के भीतर प्रभावी बनाने का प्रयास करेंगे। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के तहत, ओमान ने भारत के 98 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों (उत्पाद श्रेणियों) पर शून्य-शुल्क पहुंच की पेशकश की है।

इसमें ओमान को होने वाले भारत के कुल निर्यात का 99.38 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। रत्न एवं आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल जैसे सभी प्रमुख श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर अब कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा। वर्तमान में ओमान में इन वस्तुओं पर 5 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगता है।

इसके बदले में, भारत अपनी कुल 12,556 टैरिफ लाइनों में से 77.79 प्रतिशत पर शुल्क रियायतें दे रहा है, जो मूल्य के आधार पर ओमान से भारत होने वाले कुल आयात का 94.81 प्रतिशत कवर करता है। श्री गोयल ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ओमान के मंत्री और मैंने चर्चा की है कि हम इस समझौते को तीन महीने के भीतर क्रियान्वित करने की कोशिश करेंगे।

भारतीय व्यवसायों के लिए ओमान में निवेश की संभावनाओं पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि स्टील, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में अपार क्षमताएं हैं। विशेष रूप से प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता वाले क्षेत्रों में भारतीय कंपनियां निवेश करना चाहेंगी। उन्होंने बताया कि ‘ग्रीन स्टील’ के उत्पादन के लिए एक बड़ा निवेश पाइपलाइन में है।

ओमान के पास विशाल लैंड बैंक उपलब्ध है, जिससे वहां ऊर्जा क्षेत्र में निवेश कर उसे ग्रीन हाइड्रोजन या ग्रीन अमोनिया में बदला जा सकता है। इससे न केवल भारत के निर्यात के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि भारतीय लोगों के लिए रोजगार भी पैदा होंगे। इसके अलावा, मार्बल प्रोसेसिंग, बैटरी निर्माण और शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी रुचि देखी जा रही है।

ओमान के उद्योगपति भी भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग को लेकर उत्साहित हैं। श्री गोयल ने बताया कि ओमान की एक डेयरी कंपनी ने ‘अमूल’ के साथ संयुक्त उद्यम शुरू करने में रुचि दिखाई है। साथ ही, उन्होंने ओमान की कंपनियों और उनके ‘सॉवरेन वेल्थ फंड’ को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है।