सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया
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अलग कानून अपना रहा है आयोग
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गोवा हादसे में असम के तीन मरे
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गिद्ध संरक्षण पर सरकार का प्रयास
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटीः सर्वोच्च न्यायालय ने असम में 2026 विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के लिए केवल स्पेशल रिवीजन कराने के भारत निर्वाचन आयोग के निर्णय को चुनौती देने वाली एक याचिका पर मंगलवार को ईसीआई को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने ईसीआई से जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता, वरिष्ठ वकील मृणाल कुमार चौधरी ने तर्क दिया है कि असम को कठोर स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया से अलग कर दिया गया है, जबकि ईसीआई ने पहले पूरे भारत में एसआईआर करने की बात कही थी। याचिका में कहा गया है कि स्पेशल रिवीजन में नागरिकता, उम्र या निवास का कोई प्रमाण नहीं देना पड़ता है, जबकि एसआईआर में सहायक दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। न्यायालय ने ईसीआई को सुने बिना अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया, यह टिप्पणी करते हुए कि असम में लागू विशेष कानूनों के कारण ईसीआई ने अलग तरीका अपनाया हो सकता है।
नॉर्थ गोवा के अरपोरा में एक महंगे नाइटक्लब में भीषण आग लगने से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई, जिसमें असम के तीन लोग भी शामिल हैं। माना जाता है कि आग एलपीजी सिलेंडर फटने से लगी थी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। असम ने संरक्षण की एक बड़ी पहल के तहत रानी में वल्चर कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर से पाले गए 35 लुप्तप्राय गिद्धों (30 व्हाइट-रम्प्ड और 5 स्लैंडर-बिल्ड गिद्ध) को काजीरंगा के जंगल में छोड़ा है। यह कदम गिद्धों की घटती आबादी को बहाल करने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
छठी अनुसूची के दर्जे की मांग को लेकर 9 दिसंबर को असम के जागीरोड में पुलिस और ऑल तिवा स्टूडेंट्स यूनियन के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक पुलिस उपनिरीक्षक सहित 205 से अधिक लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने लंबे समय से चली आ रही मांगों जैसे तिवा परिषद क्षेत्रों को छठी अनुसूची में शामिल करने और टाटा सेमीकंडक्टर प्लांट में तिवा युवाओं के लिए नौकरी की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग-37 को अवरुद्ध कर दिया था।
मणिपुर पुलिस ने इंफाल पश्चिम ज़िले में समन्वित अभियानों के दौरान प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों यूएनएलएफ (पीएएमबीईआई) और सोरेपा से जुड़े पाँच जबरन वसूली करने वालों को गिरफ्तार किया है। वे सरकारी कर्मचारियों, ठेकेदारों और आम नागरिकों से जबरन चंदा वसूलने में शामिल थे। पिछले तीन दिनों में इंफाल घाटी क्षेत्र से कुल 23 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है।