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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्धविराम

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ धमकी का असर हुआ

  • शर्तों का खुलासा भी कर दिया गया

  • मध्यरात्रि से पूर्ण युद्धविराम लागू होगा

  • डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ संबंधी चेतावनी दी थी

क्वालालामपुरः मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने घोषणा की है कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक युद्धविराम समझौते पर सहमति बन गई है। यह घोषणा दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और क्षेत्रीय शांति व सुरक्षा बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री इब्राहिम ने बताया कि कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई ने तत्काल युद्धविराम लागू करने की इच्छा व्यक्त की है। यह युद्धविराम स्थानीय समयानुसार सोमवार मध्यरात्रि से तत्काल और बिना शर्त प्रभावी हो गया है।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच इस समझौते के तहत तीन मुख्य बातों पर सहमति बनी है। मलेशियाई समयानुसार सोमवार मध्यरात्रि से दोनों देशों के बीच बिना किसी शर्त के युद्धविराम लागू हो गया है। मंगलवार सुबह 7 बजे दोनों देशों के सैन्य कमांडर एक अनौपचारिक बैठक करेंगे। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर तनाव को और कम करना है। 4 अगस्त को आसियान के अध्यक्ष की अगुवाई में रक्षा अताशे की एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीतियों और दीर्घकालिक समाधानों पर चर्चा की जाएगी।

इस सीमा संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी खींचा है, और अब अमेरिका भी इसमें शामिल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है और दोनों देशों से तुरंत युद्ध रोकने की अपील की है।

शनिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि दोनों देश युद्ध नहीं रोकते हैं, तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापार नहीं करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस समय दोनों देशों के साथ व्यापार सौदों पर काम कर रहे हैं, लेकिन हिंसा के माहौल में कोई समझौता संभव नहीं होगा।

ट्रंप ने बताया था कि उन्होंने कंबोडिया के प्रधानमंत्री से बात की है और अब वे थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से भी बात करेंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि युद्ध रोकने का यह प्रयास जटिल है, लेकिन वे इसे आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप ने इस संघर्ष की तुलना भारत-पाकिस्तान तनाव से की, जिसे उन्होंने पहले सफलतापूर्वक समाप्त करने का दावा किया था। उनका यह बयान एक बार फिर अपनी ढफली, अपना राग वाली बात को दर्शाता है, क्योंकि वे अक्सर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को अपनी पिछली सफलताओं से जोड़ते हैं।