वक्फ कानून लागू नहीं होगा तो हिंसा क्यों इसे समझें
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कई स्थानों पर हिंसा भड़की है
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उकसाने पर रियायत नहीं देंगे
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राजनीतिक साजिश की बात कही
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः जब यह वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं होगा, तो फिर हिंसा क्यों? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति बनाए रखने का संदेश दिया है और कहा है कि उकसाने पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी। वक्फ अधिनियम को लेकर बंगाल में कई जगहों पर तनाव पैदा हो गया है। कुछ स्थानों पर तो इसने हिंसक रूप भी ले लिया है। इस स्थिति में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को शांति का संदेश दिया। शनिवार दोपहर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य सरकार उस कानून का समर्थन नहीं करती है। यह बंगाल में भी मान्य नहीं होगा। तो फिर हिंसा क्यों?
प्रशासक ममता ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हिंसा भड़काने वालों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने अपने एक्स-पोस्ट में लिखा, लेकिन वह कानून हमने नहीं बनाया। वह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है। इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से ही मांगा जाएगा। मुख्यमंत्री ने राजनीतिक दलों की साजिश का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके बहकावे में न आएं। मुझे लगता है कि धर्म का मतलब मानवता, दया, सभ्यता और सद्भाव है। सभी लोग शांति और सद्भाव बनाए रखें – यही मेरी अपील है।
ममता के संदेश के सार्वजनिक होने से कुछ देर पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार और एडीजी (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम ने भी राज्य के लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। जावेद ने यह भी उल्लेख किया कि विभिन्न स्थानों पर अफवाह के कारखाने चल रहे हैं। मुख्यमंत्री की तरह पुलिस प्रमुखों ने भी कहा है कि भड़काने वालों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल शुरू से ही नए वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रही है।
तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी भी वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति में बार-बार विवादों में घिरे रहे। कृष्णानगर से तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा इस विधेयक के कानून बनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर करने वाली पहली गैर-मुस्लिम महिला बन गई हैं। कुछ दिन पहले ममता ने नेताजी इंदौर में महावीर जयंती के अवसर पर आयोजित जैन समुदाय के एक कार्यक्रम के मंच से कहा था, बंगाल में कोई भी वक्फ संपत्ति नहीं छीन पाएगा। अल्पसंख्यकों के लिए उनका संदेश था, याद रखो, दीदी रहीं तो तुम्हारी संपत्ति नहीं जाएगी। लेकिन इसके बाद भी तनाव कम होने के बजाय कुछ स्थानों पर अप्रिय स्थितियां पैदा हो गईं। इस संदर्भ में ममता ने एक बार फिर संदेश दिया कि राज्य में यह कानून लागू नहीं किया जाएगा।