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हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही में बाधा

अपने उत्तर से विपक्ष को संतुष्ट नहीं कर पाये चौहान

  • मनरेगा के बकाया पर विपक्ष का विरोध

  • ओम बिड़ला के आग्रह का कोई असर नहीं

  • राहुल और प्रियंका का संसद में प्रदर्शन भी

नईदिल्लीः लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने भारी हंगामा किया दिसके कारण सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल में केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के सदस्यों ने मनरेगा के बकाया धन से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी के जवाबों से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने आसन के पास आकर नारेबाजी शुरू कर दी।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तमिलनाडु की मनरेगा के तहत मजदूरी और सामग्री मजदूरी और सामग्री के लिए 86 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान है जिसमें से 85 हजार करोड़ की राशि दी जा चुकी है और बाकी राशि को भी जल्द से जल्द जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में यूपीए सरकार के समय 2006-07 से 2013-14 तक केवल 111 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए,जबकि हमने 239 करोड़ मानव दिवस सृजित किये और 14985 करोड़ की राशि की तुलना में 54514 करोड़ की धनराशि दी गई है। अनुपालन पूरा होने पर बकाया धन भी जारी कर दिया जाएगा।

इससे पहले ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री पेम्मासानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत धन के दुरुपयोग का पता चला था और अनियमितताएं समाप्त होने तक धन जारी नहीं किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा कि प्रश्नकाल में अपने अपने राज्यों के राजनीतिक एजेंडे को लाकर सदन में व्यवधान करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में नियोजित तरीके से व्यवधान करना सही नहीं है। उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से बार बार आग्रह किया कि वह अपने स्थान पर जाएं और प्रश्नकाल चलाने में सहयोग करें लेकिन सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी जिसके कारण सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी गई।

इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी , वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा तथा केरल के अन्य सांसदों ने संसद भवन परिसर में मंगलवार को मनरेगा से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सांसदों ने कहा कि मनरेगा के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है और उसके हिसाब से श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिल रही है। केरल के विपक्षी दलों के सांसदों ने मनरेगा मजदूरी की केरल में  घोर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इसका तीखा विरोध किया।

इस बीच श्रीमती  वाड्रा ने कहा,सरकार की निष्क्रियता ने लाखों परिवारों को आजीविका से वंचित कर दिया है, जिससे गरीबी और पीड़ा बढ़ गई है। हम इस संकट पर तत्काल ध्यान देने और उन प्रभावित श्रमिकों के लिए न्याय की मांग करते हैं जो लंबे समय से बकाया नहीं मिलने के अभाव में अपना गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।  उन्होंने सरकार से मनरेगा को लेकर जरूरी कदम उठाने की मांग करते हुए कहा, ‘सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि मनरेगा श्रमिकों के बकाया वेतन का तत्काल भुगतान हो, बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए वेतन में वृद्धि करने के साथ ही कार्यदिवसों को बढ़ाकर 150 दिन किया जाए।

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