डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ की चेतावनी दी
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पहले की इसकी चेतावनी दी थी
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मोदी के सामने भी साफ साफ कहा था
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जो जैसा करता है उसके साथ वैसा ही होगा
वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अपनी कठोर टैरिफ नीति का बचाव किया है और उच्च टैरिफ लगाने के लिए चीन सहित अन्य देशों के साथ भारत का भी उल्लेख किया और इसे बहुत अनुचित करार दिया। श्री ट्रम्प ने विदेशी आयात पर पारस्परिक टैरिफ लागू करने के लिए अपने प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहरायी।
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान भारत का जिक्र करते हुए कहा, भारत हमसे 100 प्रतिशत से अधिक ऑटो टैरिफ वसूलता है। उन्होंने कहा, यदि आप ट्रम्प प्रशासन के तहत अमेरिका में अपना उत्पाद नहीं बनाते हैं, तो आपको टैरिफ का भुगतान करना होगा और कुछ मामलों में बहुत अधिक भुगतान करना होगा। अन्य देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया है और अब उन अन्य देशों के खिलाफ इसका उपयोग करने की हमारी बारी है।
अमेरिका पर भारी टैरिफ लगाने वाले देशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और कनाडा और अनगिनत अन्य देश हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलते हैं। यह बहुत अनुचित है। उन्होंने कहा, हमारे उत्पादों पर चीन का औसत टैरिफ हमसे दोगुना है और दक्षिण कोरिया का औसत टैरिफ चार गुना ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि पारस्परिक टैरिफ एक अप्रैल से नहीं, बल्कि दो अप्रैल से लागू होंगे, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि यह अप्रैल फूल दिवस के साथ मेल खाए। उन्होंने कहा, मैं इसे एक अप्रैल से लागू करना चाहता था, लेकिन नहीं चाहता हूं कि इसे अप्रैल फूल्स डे के रूप में आरोपित किया जाए, यह बहुत पैसा है, आगामी 02 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ लागू होंगे। हम पर जो देश टैरिफ लगाते हैं, हम उन पर टैरिफ लगाएंगे। अगर वे हमें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए गैर-मौद्रिक टैरिफ लगाते हैं, तो हम भी लगाएंगे। उन्होंने कहा, हमने उन्हें हमारे बाजार से बाहर रखने के लिए गैर-मौद्रिक बाधाएं खड़ी की हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने व्हाइट हाउस में बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से साफ तौर पर कह दिया था कि भारत को अमेरिका के पारस्परिक शुल्कों से नहीं बख्शा जाएगा। ट्रम्प प्रशासन ने मंगलवार को अपने पड़ोसी देशों और कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की।
अमेरिका ने मंगलवार को चीनी वस्तुओं पर शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया, जिसमें फेंटेनाइल उत्पादन में चीन की कथित भूमिका पर कार्रवाई न करने का हवाला दिया गया। भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष बढ़ रहा है। पिछले दशक में, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और टेक्सटाइल में मजबूत निर्यात के कारण अमेरिका के साथ भारत का माल व्यापार अधिशेष दोगुना होकर 35 अरब डॉलर हो गया है, जो अब पारस्परिक शुल्क उपायों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।
अमेरिका से भारत के आयात में पेट्रोलियम कच्चा तेल, मोती, कीमती पत्थर, विद्युत मशीनरी, विमान के पुर्जे और सैन्य उपकरण शामिल हैं। अमेरिका को निर्यात में मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक घटक शामिल हैं। रक्षा उपकरणों का व्यापार लगातार बढ़ रहा है। इससे पहले श्री ट्रंप ने भारत समेत ब्रिक्स देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। अगर वे अमेरिकी डॉलर को कमजोर करते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ब्रिक्स देशों द्वारा प्रतिद्वंद्वी मुद्रा बनाने का कोई भी प्रयास ऐसे टैरिफ को जन्म देगा। यह आक्रामक रुख अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को जारी रखने की अमेरिका की नीति को दर्शाता है।
चीन ने कहा युद्ध चाहता है तो वही सही
वाशिंगटनः चीन ने कहा है कि अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या कोई अन्य प्रकार का युद्ध हो, वह अंत तक लड़ने के लिए तैयार है। अमेरिका में चीन के दूतावास ने अमेरिका की ओर से विश्व के कई देशों पर आयात टैरिफ बढ़ाने के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में यह प्रतिक्रिया व्यक्त की।
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आयात पर टैरिफ बढ़ाये जाने के संदर्भ में अमेरिका के निर्णय की आलोचना की थी। प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में कहा, फेंटानिल मुद्दा चीनी आयात पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने का एक तुच्छ बहाना है। अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता पूरी तरह से वैध और अपरिहार्य है। उन्होंने जोर दिया कि अमेरिका में फेंटानिल संकट के लिए कोई और नहीं, बल्कि स्वयं अमेरिका जिम्मेदार है।