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जहरीली शराब से सरपंच सहित सात की मौत

छत्तीसगढ़ सरकार अब जहरीली शराब के आरोपों में घिरी

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है प्रशासन को

  • बुधवार से ही मौत होने का क्रम जारी हुआ

  • कांग्रेस ने साय सरकार पर खुला आरोप लगाया

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जहरीली महुआ शराब पीने से सरपंच के भाई समेत अब तक 7 लोगों की मौत हो गई। जबकि 4 की हालत गंभीर है, जिनका सिम्स में इलाज जारी है। हालांकि मौत की असल वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ होगी। घटना कोनी थाना क्षेत्र के लोफन्दी की है।

मौतों की शुरुवात बुधवार को हुई पहले एक की मौत हुई, फिर दो लोगों की जान गई, तब बीमारी समझकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। फिर बीती शुक्रवार की रात एक साथ चार लोगों की मौत हुई, तब कई दिनों से महुआ शराब पीने की सूचना मिली। मरने वाले सभी एक ही गांव के रहने वाले थे। जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वालों में सरपंच रामाधार सुनहले का भाई रामू सुनहले भी शामिल है।

पुलिस और अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि, पिछले 8-10 साल से गांव में महुआ शराब की बिक्री हो रही है। आबकारी और पुलिस की टीम आती है, लेकिन मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। शिकायत के बाद कभी-कभी दिखावे की कार्रवाई की जाती है। यही वजह है कि अवैध शराब की बिक्री जारी है। घटनास्थल पर टीआई नवीन देवांगन और एएसपी राजेंद्र जायसवाल ने कहा कि, मामले में जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया कि प्रदेश में पहुंच रही अवैध जहरीली शराब पीने से बिलासपुर जिले के लोफंदी में 8 लोगों की मौत हो गयी और कुछ लोग बीमार भी हैं। उन्होंने इस मौत के लिये साय सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया।

श्री शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में चुनाव को प्रभावित करने के लिये सत्ता के संरक्षण में बड़ी मात्रा में दूसरे राज्यों से शराब मंगाई जा रही है। इस पूरे मामले में सरकार का आबकारी विभाग और पुलिस विभाग भी भाजपा का सहयोग कर रहा है। सरकार की जानकारी के बिना राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाहर से शराब आ ही नहीं सकती।

बार्डर चेक पोस्ट नाके क्या कर रहे है? प्रदेश में शराब के कारोबार पर पूरा नियंत्रण सरकार का है। बिना सरकार के संरक्षण के राज्य में एक पाव शराब मिलना संभव नहीं है। प्रदेश में इतनी बड़ी मात्रा में शराब सरकार के द्वारा भाजपा चुनावी संभावना के लिये मंगाया गया है। उन्होंने कहा कि बेमेतरा से सिमगा के बीच में बड़ी मात्रा में 1480 पेटी शराब पकड़ाया है। बार्डर से 200 किलोमीटर दूर यहां तक शराब का कंटेनर कैसे आया? प्रदेश के सभी वार्डो में शराब पहुंचाने के लिये सरकार के संरक्षण में हजारो पेटी शराब प्रदेश में लाई जा चुकी है। इस अमानक शराब के कारण प्रदेश के लोगो का जीवन संकट में है।

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