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पास के झरना के जलाशय पर प्रतिबंध लगा

राजौरी में सत्रह लोगों की मौत पर सरकार ने की कार्रवाई

  • झरना के जल में कीटनाशक के अंश पाये गये

  • मौत के कारणों पर स्पष्ट तौर पर जानकारी नहीं

  • उमर अब्दुल्ला ने भी वहां का दौरा कर जानकारी ली

राष्ट्रीय खबर

श्रीनगरः  जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के एक गांव में रहस्यमयी परिस्थितियों में तीन परिवारों के 17 सदस्यों की मौत के कुछ दिनों बाद, प्रारंभिक जांच में पास के एक जलाशय में कीटनाशक के अवशेष पाए जाने का पता चला है। सूत्रों ने बताया कि ऐसा संदेह है कि पीड़ितों ने इसी जलाशय का पानी पिया था।

हालांकि, स्थानीय अधिकारियों ने अभी तक दूषित पानी और मौतों के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं किया है, न ही उन्होंने प्रदूषण का कारण निर्धारित किया है। सूत्रों ने यह भी पुष्टि की है कि एक केंद्रीय टीम, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में है और स्थानीय प्रशासन की सहायता कर रही है, ने प्रथम दृष्टया रहस्यमय बीमारी के प्रकोप की संभावना को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि वायरस या बैक्टीरिया के कारण होने वाले प्रकोप से इनकार किया गया है।

14 बच्चों सहित सभी पीड़ित राजौरी जिले के बड्डाल गांव के तीन परिवारों के थे। सूत्रों ने यह भी पुष्टि की है कि स्थानीय प्रशासन ने बाओली(जलाशय) को बंद करने और सील करने का आदेश पारित किया है। आदेश में कहा गया है, ऐसी आशंका है कि गांव की आदिवासी आबादी चुपके से इस झरने का बहता पानी इकट्ठा कर सकती है।

शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक अंतर-मंत्रालयी टीम के गठन का आदेश दिया और उन्हें पिछले छह हफ्तों में तीन घटनाओं में हुई मौतों का सही कारण निर्धारित करने के लिए राजौरी शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित गांव का दौरा करने का निर्देश दिया।

टीम का नेतृत्व गृह मंत्रालय (एमएचए) के अधिकारी कर रहे हैं और इसमें स्वास्थ्य, कृषि और अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस बीच जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को राजौरी जिले के इस सुदूर गांव का दौरा किया और शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की, जिनके 13 बच्चों सहित 17 सदस्य पिछले डेढ़ महीने में रहस्यमय परिस्थितियों में मर गए।

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