उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर सुबह भीषण मुठभेड़
कुलारीघाट जंगल में एक दर्जन से अधिक मारे गये
राष्ट्रीय खबर
रायपुरः छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के कुलारीघाट रिजर्व फॉरेस्ट में मंगलवार सुबह भीषण मुठभेड़ में कम से कम 12 माओवादी मारे गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। मुठभेड़ स्थल उड़ीसा के नुआपाड़ा जिले की सीमा से करीब 5 किलोमीटर दूर है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि ऑपरेशन जारी रहने पर मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया ने पुष्टि की कि यह ऑपरेशन उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बीच समन्वित प्रयास था। सोमवार सुबह शुरू किए गए इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवादियों की आवाजाही को रोकना था, ताकि क्षेत्र में उनकी गतिविधियों को लेकर बढ़ती चिंताओं को दूर किया जा सके।
सुरक्षा बलों को पहले से ही इस बात की भनक मिल गयी थी कि पहले की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों का दबाव बढ़ने के बाद से हथियारबंद नक्सलियों का दस्ता उड़ीसा के जंगलों की तरफ बढ़ रहा है।
अधिकारियों ने आज बताया कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 14 लोगों में एक करोड़ रुपये का इनामी माओवादी भी शामिल है। छत्तीसगढ़-उड़ीसा सीमा पर स्थित एक जंगल में सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह हुई गोलीबारी में माओवादियों की केंद्रीय समिति के सदस्य जयराम उर्फ चलपति की मौत हो गई।
एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में आग्नेयास्त्र, गोला-बारूद और आईईडी बरामद किए गए हैं, जिसमें एक सेल्फ-लोडिंग राइफल भी शामिल है। यह अभियान छत्तीसगढ़ के कुलारीघाट रिजर्व फॉरेस्ट में माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था, जो उड़ीसा के नुआपाड़ा जिले की सीमा से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर है। इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जिन्होंने मार्च 2026 तक माओवादियों को खत्म करने की कसम खाई है, ने ताजा मुठभेड़ को नक्सलवाद के लिए एक और बड़ा झटका कहा। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में हमारे सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। सीआरपीएफ, एसओजी उड़ीसा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने उड़ीसा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया।
श्री शाह ने कहा कि नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से आज नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है। छत्तीसगढ़ में 2024 में सुरक्षा बलों ने 200 से अधिक माओवादियों को मार गिराया। पिछले साल मारे गए 219 माओवादियों में से 217 बस्तर क्षेत्र से थे, जिसमें बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव और सुकमा जिले शामिल हैं।
800 से अधिक माओवादियों को गिरफ्तार भी किया गया, जबकि लगभग 802 ने अपने हथियार डाल दिए। 2024 में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में लगभग 18 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई, जबकि मारे गए नागरिकों की संख्या माओवादी हिंसा की संख्या 65 रही।