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दो करोड़ से अधिक ने संगम में डुबकी लगायी

अनोखे महाकुंभ में इस बार विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या अधिक

  • मोदी ने शेयर की इसकी तस्वीरें

  • पहले दिन अमृत स्नान पर भीड़

  • आसमान से फूल भी बरसाये गये

राष्ट्रीय खबर

कुंभनगरः मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने के लिए त्रिवेणी संगम पहुंचे, जो प्रयागराज में महाकुंभ का पहला  अमृत स्नान  है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पवित्र स्नान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को महाकुंभ मेला 2025 के दौरान त्रिवेणी संगम में पहले  अमृत स्नान  में भाग लेने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बधाई दी।

सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन श्रद्धालुओं की हौसला अफजाई की जिन्होंने त्रिवेणी संगम पर पहला अमृत स्नान करके पुण्य कमाया। महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जहां दुनिया भर से लोग धार्मिक समागम में शामिल होने आते हैं।

कुंभ की उत्पत्ति हिंदू मान्यता से हुई है कि भगवान विष्णु और राक्षसों के बीच युद्ध के दौरान अमरता के अमृत की चार बूंदें धरती पर गिरीं, जो अमृत से भरे सोने के घड़े को अपने कब्जे में लेना चाहते थे। कहा जाता है कि इनमें से एक बूंद प्रयागराज में गिरी थी।

महाकुंभ मेले की मुख्य विशेषता धार्मिक तपस्वियों, साधुओं और महंतों की असाधारण उपस्थिति है। महाकुंभ मेला 2025 में नागा साधुओं या नागा बाबाओं की टोली भी शामिल होती है, जो अपने नग्न शरीर पर राख लगाते हैं और लंबे बालों में जटाएं रखते हैं। वैसे साधु, जो खुद को आस्था के संरक्षक के रूप में देखते हैं, वे भगवान विष्णु और राक्षसों के बीच युद्ध के दौरान पृथ्वी पर गिरे थे।

तय समय पर पूरी धूमधाम और सेना की तरह संगम पर पहुंचे। नागा साधुओं की पहचान उनके राख से ढके नग्न शरीर और लंबे उलझे बालों से होती है। महाकुंभ के अलावा वे गुफाओं और जंगलों में एकांत में रहते हैं और कुंभ मेले के दौरान अमृत स्नान में भाग लेने के लिए बाहर आते हैं, महाकुंभ मेला 2025 का पहला स्नान आज आयोजित किया गया। मकर संक्रांति पर महाकुंभ में अमृत स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियाँ बरसाई गईं, जिससे घाटों और संगम तट पर फूलों की चादर बिछ गई।

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