हरियाणा की नाराजगी का असर दिल्ली पर भी पड़ गया
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने बुधवार को सूत्रों के आधार पर मीडिया में आई खबरों को खारिज कर दिया और एक बार फिर पुष्टि की कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं होगा। इससे पहले अचानक यह चर्चा फैल गयी थी कि दोनों दलों के बीच विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का तालमेल हो सकता है। दरअसल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओँ से अरविंद केजरीवाल की मुलाकात ने इस चर्चा को हवा दे दी थी।
एक्स पर एक पोस्ट में आप प्रमुख और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। मंगलवार को श्री केजरीवाल द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख और इंडिया ब्लॉक नेता शरद पवार से मुलाकात के बाद गठबंधन की अटकलें शुरू हुईं।
कांग्रेस और आप दोनों ने इस साल की शुरुआत में इंडिया ब्लॉक के हिस्से के रूप में 4-3 सीटों के बंटवारे के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा था। केजरीवाल के औपचारिक एलान के बाद कांग्रेस की तरफ से भी ऐसी ही प्रतिक्रिया आयी है। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी, क्योंकि वह चुनाव जीतने और सत्ता में वापस आने की स्थिति में है।
श्री यादव ने कहा, लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन करने के लिए हमें भारी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि एक महीने तक चली दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान उन्हें सैकड़ों निवासियों से यह फीडबैक मिला कि कांग्रेस को विधानसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहिए और आप के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहिए।
वैसे समझा जाता है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को सीट नहीं देने के कांग्रेस का फैसले से यहां गठबंधन पर असर पड़ा है। साथ ही लोकसभा चुनाव परिणामों ने भी दोनों दलों को अलग अलग रहने के जनादेश का संकेत दिया है। इंडिया गठबंधन में होने के बाद भी इसी वजह से दिल्ली के विधानसभा चुनाव में यह दोनों दल अब अलग अलग चुनाव लड़ेंगे।