सार्वजनिक मंच से ही उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री से सवाल पूछा
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज किसानों का मुद्दा उठाया और उनकी ओर से सरकार से सवाल किए। उन्होंने अपने अधिकांश सवाल केंद्रीय कृषि मंत्री से पूछे। विश्व मंच पर देश का कद बढ़ने का हवाला देते हुए उन्होंने पूछा कि इन परिस्थितियों में किसानों से किए गए वादे कैसे पूरे नहीं किए जा सकते।
उन्होंने कहा, नीति-निर्माण सही दिशा में नहीं चल रहा है। कृषि मंत्री जी, आपके लिए हर पल महत्वपूर्ण है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे बताएं कि किसानों से क्या वादा किया गया था? वादा क्यों पूरा नहीं किया गया? वादा पूरा करने के लिए हमें क्या करना चाहिए? पिछले साल भी आंदोलन हुआ था, इस साल भी आंदोलन है। समय का पहिया घूम रहा है, हम कुछ नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने आईसीएआर-सीआईआरसीओटी (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान) के शताब्दी समारोह में बोलते हुए कहा, मैंने पहली बार भारत को बदलते देखा है। पहली बार मुझे एहसास हो रहा है कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं बल्कि हमारा लक्ष्य है।
भारत दुनिया में कभी इतनी ऊंचाई पर नहीं था…जब ऐसा हो रहा है, तो मेरा किसान क्यों परेशान और पीड़ित है? किसान ही अकेला है जो असहाय है, उन्होंने कहा। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जो लगभग 15 वर्षों तक मध्य प्रदेश सरकार की कमान संभालने के बाद अप्रैल-मई के लोकसभा चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने।
उपराष्ट्रपति किसानों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी टिप्पणी किसानों के विरोध प्रदर्शनों में तेज़ी के बीच आई है। कल, किसानों ने अपनी शिकायतों को उजागर करने के लिए दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे दिल्ली और नोएडा के कुछ हिस्सों में यातायात बाधित हुआ। उनकी मांगों की लंबी सूची में नए कानूनों के तहत गारंटीकृत मुआवज़ा और लाभ शामिल हैं। वे फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।