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भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित

कई प्रमुख लोगों ने आज के दिन बलिदान को याद किया

  • उलगुलान के प्रणेता को नमन किया

  • सर्वस्व न्योछावर किया था देश के लिए

  • एकता और गर्व का दिन है पूरे देश का

नयी दिल्लीः भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद भवन परिसर में स्थित प्रेरणा स्थल पर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर उनकी 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर भारत के उप राष्ट्रपति एवं राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व श्री ओम बिरला ने एक्स पर संदेश लिखा, आदिवासी अस्मिता और संस्कृति के गौरव, उलगुलान के प्रणेता, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर सविनय नमन।

भगवान बिरसा मुंडा का 150वां जन्मजयंती वर्ष आज से शुरू हो रहा है। जनजातीय गौरव दिवस के इस उपलक्ष्य पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। भगवान बिरसा देश, समाज और संस्कृति के लिए अपना सर्वस्व समर्पण कर देने वाले महानायक थे।

उनके जीवन आदर्श हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे। वर्ष 2021 से 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की बलिदान को सम्मानित किया जा सके। जनजातीय समुदायों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई क्रांतिकारी आंदोलनों के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह दिवस जनजातीय समुदायों के इतिहास, संस्कृति और धरोहर को सम्मानित करता है, एवं देशभर में एकता, गर्व और जनजातियों का देश की स्वतंत्रता और प्रगति में योगदान के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भगवान बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ उलगुलान (क्रांति) का नेतृत्व किया था और वह बाद में प्रतिरोध का प्रतीक बन गए।

भगवान मुंडा का नेतृत्व राष्ट्रीय जागरण का कारण बना, और उनका योगदान जनजातीय समुदायों द्वारा गहरे सम्मान के साथ याद किया जाता है। इस अवसर पर, विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय लोक कलाकारों ने संसद भवन परिसर के प्रेरणा स्थल पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा लोकसभा में विपक्ष की नेता राहुल गांधी ने जल, जंगल, जमीन और आदिवासी सभ्यता के संरक्षण की लड़ाई में अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर आज नमन किया। श्री खरगे ने कहा अबुआ राज एते जाना, महारानी राज टुंडू जाना।

जल-जगंल-जमीन एवं आदिवासी सभ्यता व संस्कृति की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध उलगुलान करने वाले, महान स्वतंत्रता सेनानी, धरती आबा, भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन। वे करोड़ों भारतीयों के प्रेरणास्रोत हैं व रहेंगे। उन्होंने झारखंड स्थापना दिवस पर भी राज्य के लोगों को बधाई दी और कहा प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण, झारखंड राज्य के सभी बहन-भाईयों को झारखंड स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई।

आने वाला कल आप सभी के लिए सुखद, समृद्ध एवं ख़ुशहाल बने, हमारी यही कामना है। श्री गांधी ने कहा आदिवासी महानायक, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। आदिवासी अस्मिता के लिए उनका संघर्ष और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए उनका बलिदान हमें सदा प्रेरित करता रहेगा।

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