बांधवगढ़ में हाथियों की मौत की घटना के बाद नया झटका
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः जहरीला कोदा खाने की वजह से बांधवगढ़ के हाथियों की मौत की पुष्टि हो गयी है। इसके बीच ही राजस्थान के रणथंभोर राष्ट्रीय उद्यान के 25 बाघों के लापता होने की खबर सार्वजनिक हो गयी है। इस घटना की जानकारी होने के बाद वहां लगे ट्रैप कैमरों में दस बाघ देखे गये हैं।
पार्क के एक अधिकारी ने कहा, इस रिपोर्ट के 24 घंटे के भीतर ही दस बाघों का पता लगा लिया गया है। यह राजस्थान के मुख्य वन्यजीव वार्डन, पवन कुमार उपाध्याय द्वारा 6 नवंबर को रिपोर्ट किए जाने के बाद आया है कि पिछले एक साल में राष्ट्रीय उद्यान में 75 बाघों में से 25 लापता हो गए हैं। इस पर, कुमार ने अधिकारियों को मामले की जांच करने का निर्देश भी दिया।
सोमवार को एक आदेश में, कुमार ने अधिकारियों को बताया कि लापता बाघों में से 11 एक साल से अधिक समय से गायब हैं। यह पहली बार है जब एक ही वर्ष में इतनी बड़ी संख्या में बाघों के आधिकारिक तौर पर लापता होने की सूचना दी गई है। इससे पहले जनवरी 2019 से जनवरी 2022 के बीच रणथंभौर से 13 बाघों के लापता होने की सूचना मिली थी।
आदेश के अनुसार, वन्यजीव विभाग ने लापता होने की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है। टीम निगरानी रिकॉर्ड की समीक्षा करेगी और पार्क अधिकारियों द्वारा कोई चूक पाए जाने पर कार्रवाई की सिफारिश करेगी। आदेश के अनुसार, पार्क के फील्ड डायरेक्टर को कई नोटिस भेजे जाने के बावजूद, कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं देखा गया है।
14 अक्टूबर, 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 11 बाघ एक साल से अधिक समय से लापता हैं, जबकि 14 अन्य के बारे में हाल ही में सीमित साक्ष्य मिले हैं। परिस्थितियों को देखते हुए, रणथंभौर में लापता बाघों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की गई है। मुख्य वन्यजीव वार्डन पवन कुमार उपाध्याय ने कहा, समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। हमने कुछ निगरानी खामियों की पहचान की है जिन्हें हम दूर करना चाहते हैं।
हाल ही में, मैंने साप्ताहिक निगरानी रिपोर्ट एकत्र करना शुरू किया, जिससे पता चला कि ये बाघ ट्रैप कैमरे पर रिकॉर्ड नहीं हुए थे। इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है, पार्क अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि रणथंभौर में बाघों की अधिकता के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बाघ अपने क्षेत्र को लेकर आपस में लड़ रहे हैं।
900 वर्ग किलोमीटर में फैले इस पार्क में वर्तमान में 75 बाघ हैं, जिनमें युवा और शावक शामिल हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान (2006-2014) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि पार्क में लगभग 40 वयस्क बाघों को सुरक्षित रूप से रखा जा सकता है।