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दिल्ली शराब घोटाला मामले की पूरी हवा ही निकल गयी

अंतिम व्यापारी को भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत

  • कारोबारी ढल्ल को भी जमानत मिली

  • बाकी सारे लोग पहले ही बाहर आये

  • भरोसे लायक एक भी सबूत पेश नहीं

राष्ट्रीय खबर

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल्ल को जमानत दे दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि इस मामले में सीबीआई को करीब 300 गवाहों से पूछताछ करनी है और मुकदमा अभी शुरू होना बाकी है।

शीर्ष अदालत ने इस बात को ध्यान में रखा कि ढल्ल एक साल से अधिक समय से जेल में है और अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। शीर्ष अदालत ने ढल्ल को निचली अदालत द्वारा तय नियमों और शर्तों के अधीन राहत दी।

इसने ढल्ल को प्रत्येक सुनवाई पर निचली अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।ढल्ल ने उच्च न्यायालय के 4 जून के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्हें मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

इस मामले के सिलसिले में पिछले साल अप्रैल में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया थाढल्ल कथित घोटाले से जुड़े अलग-अलग मामलों में आरोपी हैं, जिनकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहे हैं।

ताजा आदेश के साथ ही शराब नीति मामले में सभी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और बीआरएस नेता के कविता भी आरोपी हैं।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने ढल्ल मामले में यह आदेश पारित किया। मार्च 2023 में गिरफ्तार किए गए ढल्ल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले (जून 2024) को चुनौती दी थी, जिसमें एकल न्यायाधीश ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में नियमित जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

इस दौरान वादा माफ गवाहों के बयान के अलावा केंद्र सरकार की दोनों जांच एजेंसियों को तमाम अभियुक्तों के खिलाफ एक भी भरोसे लायक साक्ष्य नहीं मिलने की वजह से ऐसा हुआ है। जांच के नाम पर अभियुक्तों को जेल में रखने को अदालत ने पहले ही पीएमएलए कानून का दुरुपयोग करार दिया था।

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