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लुंगी-चादर की रस्सी बनाकर फरार हो गए पांच कैदी

उपद्रवियों ने दुर्गा की मूर्तियों को तोड़ा

  • असम में बहुत बड़ा जेल ब्रेक

  • प्रतिमा कांड में एक गिरफ्तार

  • मणिपुर में स्कूल प्रिंसिपल की हत्या

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी : असम की मोरीगांव जिला जेल से शनिवार आधी रात को तड़के पांच कैदी फरार हो गए. ये पांचों विचाराधीन कैदी बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) केस के आरोपी हैं।

उन्हें मोरीगांव और सोनितपुर जिलों से गिरफ्तार किया गया था। असम के इतिहास में इसे सबसे बड़ा जेल ब्रेक कांड बताया जा रहा है। इन कैदियों ने पहले जेल की सलाखें कांटी और फिर चादर, कंबल और ‘लुंगी’ को बांधकर रस्सी बनाई और फिर इसके सहारे 20 फुट ऊंची दीवार फांदकर जेल से भाग गए।

इन पांच लोगों में तीन के खिलाफ लहरीघाट थाने में मामले दर्ज हैं, जबकि अन्य दो को मोइराबारी और तेजपुर थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार किया गया था। जेलर प्रशांत सैकिया को घटना के 24 घंटे के भीतर निलंबित कर दिया गया।

भागने वालों की पहचान सैफुद्दीन, जियारुल इस्लाम, नूर इस्लाम, मफीदुल और अब्दुल राशिद के रूप में हुई। उन्होंने कथित तौर पर जिस सेल में वे थे, उसकी सलाखें तोड़ दीं। इसके बाद, वे सेल से भाग गए और कुछ कपड़ों की मदद से जेल की दीवार फांद गए।

गोलाघाट जिले में देवी दुर्गा की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने और अपवित्र करने की एक घटना सामने आई है। गोलाघाट में उपद्रवियों ने विजयादशमी मना रहे दो दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाया।

मोरोंगी और रोंगजन दुर्गा पूजा पंडालों में मूर्तियां उत्सव समाप्त होने के कुछ ही समय बाद 12 अक्टूबर की देर रात अपवित्र और नष्ट पाई गई थीं। अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और अमल बराह नाम के एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया।

मणिपुर के थौबल जिले में शनिवार रात पारिवारिक विवाद के कारण एक स्कूल प्रिंसिपल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि पीड़ित 47 वर्षीय सपम स्वामीनाथ जिले के एक हायर सेकेंडरी इंग्लिश स्कूल में प्रिंसिपल थे।

मैतेई उग्रवादी संगठन अलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलीपाक (एएसयूके) ने राज्यव्यापी काला दिवस (अम्बा नुमित) और 15 अक्टूबर को मणिपुर में पूर्ण बंद का आह्वान किया है। एएसयूके प्रचार समिति के संयोजक एस मंगल द्वारा जारी एक बयान में संगठन ने 1949 में स्वतंत्र मणिपुर राज्य के भारतीय संघ में जबरन विलय पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।

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