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सीबीआई की अजीब दलील पर राघव चड्डा का बयान

सूरज पूरब से उगे तो पश्चिम का मनोबल गिर जाएगा

राष्ट्रीय खबर

 

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कथित आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अदालत की सुनवाई के दौरान केंद्रीय एजेंसी सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू द्वारा दी गई दलील पर राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने पलटवार किया है।

केजरीवाल की याचिका पर सवाल उठाते हुए श्री राजू ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर शीर्ष अदालत आप प्रमुख को जमानत देती है, तो इससे दिल्ली उच्च न्यायालय का मनोबल गिरेगा। उनके तर्क का विरोध करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि अगर सूर्य पूर्व से उदय होता है, तो इससे पश्चिम का मनोबल गिरेगा।

शीर्ष अदालत ने गुरुवार को कथित आबकारी नीति घोटाले में जमानत मांगने और सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली श्री केजरीवाल की अलग-अलग याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होंने केंद्रीय एजेंसी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत से इनकार करने और सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।

श्री केजरीवाल की दलीलों की स्वीकार्यता पर सवाल उठाते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि आप प्रमुख सत्र न्यायालय में जाए बिना दिल्ली उच्च न्यायालय चले गए। उन्होंने यह भी कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी, जिसमें अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में वापस भेज दिया था।

उन्होंने सत्र न्यायालय में जाए बिना ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। यह मेरी प्रारंभिक आपत्ति है। गुण-दोष के आधार पर, ट्रायल कोर्ट पहले इसे देख सकता था। उच्च न्यायालय को गुण-दोष देखने के लिए बनाया गया था और यह केवल असाधारण मामलों में ही हो सकता है। सामान्य मामलों में, पहले सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाना चाहिए।

सीबीआई के वकील ने कहा, वह एक असाधारण व्यक्ति प्रतीत होते हैं, जिनके लिए अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है। जब अन्य सभी आम आदमी जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाते हैं, तो किसी के साथ विशेष व्यवहार नहीं किया जा सकता है।

यदि सर्वोच्च न्यायालय अरविंद केजरीवाल को जमानत देता है, तो इससे दिल्ली उच्च न्यायालय का मनोबल गिरेगा, श्री राजू ने कहा।पीठ ने श्री राजू को आश्वासन दिया कि हम जो भी आदेश पारित करेंगे, हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा कुछ न हो। शीर्ष अदालत ने इससे पहले श्री केजरीवाल को उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन वे सीबीआई मामले में जेल में ही हैं। इसका मतलब यह है कि अगर सुप्रीम कोर्ट उन्हें राहत देता है, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री पांच महीने से अधिक समय के बाद जेल से बाहर आ जाएंगे।

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