पेरिस का गम भूला दिया गांव वालों के प्यार ने
राष्ट्रीय खबर
चंडीगढ़ः पेरिस ओलंपिक में मिली हार के बाद विनेश फोगट ने फिर से अपने चेहरे पर मुस्कान बिखेरी। पेरिस ओलंपिक में मिली हार के बाद अपने गांव के लोगों से स्वर्ण पदक पाकर विनेश फोगट फिर से मुस्कुराईं। पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण कुश्ती के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित की गई विनेश का शनिवार को नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर जोरदार स्वागत किया गया।
इसके अलावा, अपने गृहनगर लौटने पर भारतीय पहलवान को उनके समर्थकों और खाप पंचायतों ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। प्रशंसकों और साथी पहलवानों से गर्मजोशी से स्वागत किए जाने के बाद विनेश ने पहले कहा, भले ही उन्होंने मुझे स्वर्ण पदक नहीं दिया, लेकिन यहां के लोगों ने मुझे दिया है। मुझे जो प्यार और सम्मान मिला है, वह 1,000 स्वर्ण पदकों से भी अधिक है।
पहलवान को मंच पर 21,000 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया। उन्हें भारतीय रुपये के नोटों से बना हार भी पहनाया गया। 2020 टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया भी विनेश के लिए आयोजित भव्य समारोह में शामिल हुए। विनेश को बड़ा झटका तब लगा जब कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट के एड हॉक डिवीजन ने संयुक्त ओलंपिक रजत पदक के लिए उनकी अपील को खारिज कर दिया।
29 वर्षीय इस पहलवान ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया। उन्होंने ओलंपिक से दिल तोड़ने वाली अयोग्यता के बाद कुश्ती से संन्यास की भी घोषणा की। वैसे इस बीच यह खबर भी महत्वपूर्ण है कि ओलंपिक में पिछड़ने के बाद भी अनेक कंपनियां अब विनेश को अपने विज्ञापन के लिए इस्तेमाल करना चाहती है। लिहाजा ओलंपिक से पहले विज्ञापन का जो दर पच्चीस लाख रुपये के करीब था, वह ओलंपिक से लौटने के बाद बढ़कर एक करोड़ के करीब हो चुका है।