Breaking News in Hindi

सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया

डॉक्टर बलात्कार कांड पर देश भर में प्रदर्शन और विरोध


  • तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई
  • मामले की जांच कर रही सीबीआई
  • आरजी कर अस्पताल में हुआ हादसा

राष्ट्रीय खबर


 

कोलकाताः सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता की डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले की सुनवाई खुद ही शुरू कर दी है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और मेडिकल बिरादरी को झकझोर कर रख दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।

इस मामले की सुनवाई पहले से ही कलकत्ता हाई कोर्ट में चल रही है, जिसने पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रविवार को राज्य पुलिस को दी गई समयसीमा को दरकिनार करते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो या सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।

इस मामले में पुलिस के रवैये पर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं – जिसमें महिला के माता-पिता को शव देखने की अनुमति देने में देरी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और एक नागरिक स्वयंसेवक की तुरंत गिरफ्तारी शामिल है, जिससे यह एक ओपन एंड शट मामला बन गया है।

इस बीच कोलकाता से मिली जानकारी के मुताबिक कोलकाता पुलिस ने  आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आसपास पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि  शहर में अगले सात दिनों के लिये (24 अगस्त तक) नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा लागू कर दी गयी हैं।  अदालत की निगरानी में  जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लगातार तीसरे दिन अस्पताल के बर्खास्त प्राचार्य संदीप घोष को शुक्रवार और शनिवार को 23 घंटे की पूछताछ के बाद भी सुबह 11 बजे सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पेश होने के लिए बुलाया।

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ में बर्खास्त प्राचार्य के कथित संबंध की जांच कर रही है, जिसमें राजनीतिक दलों सहित कई लोगों द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। सरकारी स्वामित्व वाले अस्पताल में कई कथित अनियमितताओं को छिपाने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश थी।

महिला डॉक्टर के माता-पिता, जिन्होंने राज्य द्वारा दिए गए मुआवजे को अस्वीकार कर दिया था, ने आरोप लगाया कि उनकी पुत्री को एक से अधिक लोगों द्वारा बेरहमी से मार दिया गया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला के साथ न केवल सामूहिक दुष्कर्म किया गया, बल्कि शरीर के अलग-अलग अंगों की हड्डियाँ भी टूटी पायी गयीं। कोलकाता पुलिस ने अगले सात दिनों के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आसपास सभी विरोध प्रदर्शनों, रैलियों, जुलूसों, धरनों या प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

यह प्रशासन को कथित तौर पर कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में ‘विश्वसनीय स्रोतों’ से इनपुट मिलने के बाद आया। प्रतिबंध 18 अगस्त से आधी रात को लागू हुआ।

कोलकाता के कार्यकारी मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा के तहत एक आदेश जारी किया, जिसमें अस्पताल के आसपास विरोध प्रदर्शन और बड़ी सभाओं को प्रतिबंधित किया गया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद सभी राज्य पुलिस बलों को हर दो घंटे में स्थिति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। राज्य पुलिस बलों को भेजे पत्र में मंत्रालय ने विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत पर जोर दिया।


राज्य की विपक्षी भाजपा आरोप लगा रही है कि पुलिस दोषियों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर मामले को दबाने में लगी है। 15 अगस्त को आधी रात को अस्पताल पर हुए हमले के बाद उनके आरोपों को बल मिला, जब राज्यव्यापी महिलाओं का रिक्लेम द नाइट प्रदर्शन चल रहा था। हमलावरों द्वारा आपातकालीन विभाग को तहस-नहस करने के बाद, भाजपा ने कहा कि यह सबूत मिटाने का एक और प्रयास था।

आज एक सोशल मीडिया पोस्ट में, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि कोलकाता पुलिस ने डॉक्टर का विसरा बदला था। उन्होंने अन्य सबूतों के साथ छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया। 36 घंटे की शिफ्ट के बाद, दूसरे वर्ष की पोस्टग्रेजुएट छात्रा गुरुवार रात को आराम करने के लिए अकेले एक खाली सेमिनार रूम में चली गई थी। अस्पताल में कोई ऑन-कॉल रूम नहीं है। जाहिर तौर पर वह वहीं सो गई थी।

अगली सुबह उसका आंशिक रूप से कपड़े पहने शव मिला, जिस पर कई चोटें थीं। मुख्य संदिग्ध कोलकाता पुलिस का नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय है, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पुलिस चौकी पर तैनात था और सभी विभागों में उसकी पहुँच थी। उसे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ़्तार किया गया, जिसमें उसे उस इमारत में घुसते हुए दिखाया गया था, जहाँ डॉक्टर की हत्या की गई थी। सीसीटीवी फुटेज में महिला के शव के बगल में मिले ब्लूटूथ हेडसेट को उसकी गर्दन पर देखा गया। यह उसके फ़ोन से भी जुड़ा हुआ पाया गया।

उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।