पीजीटी परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना दे रहे अभ्यर्थी
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नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का नेतृत्व
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सीपी सिंह, अनंत ओझा और अमित मंडल थे
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घोटाले की सीबीआई जांच कराये सरकार
रांचीः जेएसएससी पीजीटी परीक्षा में हुए धांधली के जांच के मांग एवं श्रेया डिजिटल, बोकारो एवं शिवा इंफोटेक परीक्षा केंद्र के सफल अभ्यर्थियों के जांच की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष धरना दे रहे अभ्यर्थियों से आज नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, रांची विधायक सी पी सिंह,कांके विधायक समरी लाल, राजमहल विधायक अनंत ओझा एवं गोड्डा विधायक अमित मंडल ने मुलाकात की एवं उनके विषय को विस्तार से जाना।
मौके पर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि जेएसएससी पीजीटी मामले में कई गड़बड़ियां सामने आई है जिस तरह से अभ्यर्थियों ने अपने साथ हो रहे अन्याय के पुख्ता प्रमाण दिखाएं है, उससे लगता है कि झारखंड सरकार ने सफल अभ्यर्थियों से पैसे लेकर नौकरी बेचने का काम किया ह। सरकार को चाहिए कि जब सीबीआई पहले से ही नियुक्ति घोटाले मामले पर अपनी जांच कर रही है तो इस मामले की जांच भी एक साथ करवा दें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रति वर्ष 5 लाख नौकरी देने का वादा किया था और नौकरी नहीं मिलने पर 5 से 7 हजार रुपये का भत्ता देने का वादा युवाओं से किया था। लेकिन नौकरी देना तो दूर सरकार नौकरी को बेचने का काम कर रही है। कई मामले की जांच एसआईटी का गठन कर की गई, जिसमें राज्य सरकार के ही दो अधिकारियों की गिरफ्तारी भी की गई। लेकिन पूरा मामला ठंढे बस्ते में चला गया और किसी पर भी कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने बताया कि धरने पर बैठे छात्रों को पहले तो समझाने का काम किया जा रहा था लेकिन अब उन्हें धमकी भी दी रही है। यदि युवाओं के साथ कोई भी छेड़छाड़ होती है तो सड़क से लेकर सदन तक भारतीय जनता पार्टी इस लड़ाई को लड़ने का काम करेगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि युवाओं के साथ सरकार छेड़छाड़ ना करें नहीं तो सत्ता के साथ झारखंड से भी उन्हें हाथ धोना पड़ेगा।
वहीं रांची के विधायक सी पी सिंह ने कहा कि जिस तरह से छात्रों ने प्रमाण पेश किए हैं उसे लगता है की झारखंड के पांच सेंटर से ही अभ्यर्थी सफल हुए हैं जिस कंपनी को परीक्षा करवाने का टेंडर दिया गया वह कंपनी पहले से ही ब्लैक लिस्ट है, बावजूद इसके फिर से उसी कंपनी से परीक्षा करवाने पर भी सरकार के ऊपर सवाल खड़े हो रहे हैं।
रांची विधायक ने इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से करवाने की बात कही ताकि छात्रों को न्याय मिल सके। वहीं उन्होंने छात्रों को माननीय उच्च न्यायालय जाने का भी सुझाव दिया ताकि कोर्ट के माध्यम से इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जा सके।