राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर मोदी ने कहा
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लगातार झूठ बोलने वाले पराजित हुए
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2014 से पहले घोटालों की सरकार थी
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अब जनता को विकास का विश्वास हुआ है
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि तुष्टिकरण की नीति ने इस देश को तबाह करके रख दिया था लेकिन सरकार सर्वजन- संतुष्टिकरण की नीति के विचार को लेकर चले हैं जिसकी वजह से देशवासियों ने हमें तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है।
श्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए लोक सभा में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण ने विकसित भारत के संकल्प को दिशा दिया है। उन्होंने हम सबका और देश का मार्गदर्शन किया है इसके लिए राष्ट्रपति का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि पहली बार जो सासंद बनकर आये और उन्होंने जिस प्रकार एक अनुभवी सांसद की तरह व्यवहार करते हुए अपने विचार रखे उससे सदन की गरिमा बढी है। देश ने एक सफल चुनाव अभियान को पार करते हुए विश्व को दिखा दिया कि यह दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अभियान था।
देश की जनता ने इस अभियान में हमें चुना है और मैं कुछ लोगों (विपक्ष)की पीड़ा समक्ष सकता हूं। लगातार झूठ चलाने के बाद भी उनकी घोर पराजय हुई है। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष के भारी हंगामे पर अध्यक्ष ओम बिरला ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सदन की गरिमा को गिराना विपक्ष को शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा, देश ने लंबे समय तक तुष्टीकरण की राजनीति देखा लेकिन देश ने पहली बार संतुष्टीकरण के विचार को लेकर चलना देखा हैं। इसका मतलब हर योजना का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाना है।
2014 के पहले देश ने सबसे बड़ा नुकसान यह था कि देशवासियों का आत्मविश्वास खोया था। आत्मविश्वास खोने के बाद व्यक्ति को खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। उस दौरान यह साफ सुनाई देता था कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता था। हताशा भारतीयों की पहचान बन गई थी। उस समय आये दिन घोटालों की खबरें ही सुनाई पड़ती थी।
रोज नये घोटाले की खबरें आती थी। वह घोटालेबाजों का कालखंड था। उस समय बेशर्मी से स्वीकार कर लिया जाता था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तब पंद्रह पैसा लोगों तक पहुंचता था। उस समय भाई भतीजावाद फैला हुआ था। गरीबों को घर लेने के लिए हजारों रुपये के रिश्वत देने पड़ते थे। गैस कनेक्शन के लिए कट देने पड़ते थे।
राशन के लिए भी रिश्वत देने पड़ते थे। देश के लोग निराश हो गये थे और अपने भाग्य को दोष देकर वक्त काटने के लिए मजबूर हो गये थे। इस निराशा के दौरान देश वासियों ने हमें शासन के लिए चुना है। दस साल में हमारी सरकार की अनेक सफलताएं है। देश निराशा की गर्त से निकलकर आशा और विश्वास में आया है। धीरे धीरे देश के मन में आ गये कि अब इस देश में सब कुछ संभव है।
उन्होंने कहा कि पहले आतंकवादी जब चाहे जहां जाहे हमला कर देते थे और निर्दोष लोग मारे जाते थे। सरकारें चुपचाप बैठी रहती है। अब भारत घर में घुसकर मारता है और सर्जिकल स्ट्राईक करता है। आतंकवाद के आकांओं को भी सबक सिखाने का काम करता है। देश का एक एक नागरिक जानता है कि अपनी सुरक्षा के लिए देश कुछ भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान को सिर पर रखकर नाचने वाले जम्मू कश्मीर में इसे लागू नहीं करते थे। अब अनुच्छेद 370 की दीवार गिरी और पत्थरबाजी बंद हो गई तथा लोकतंत्र मजबूत है।
भारत के लोकतंत्र पर भरोसा करते हुए बढचढकर मतदान करने के लिए लोग आगे आ रहे है। देशवासियों में उम्मीद जागती है तो विकास का पहिया तेजी से चलता है। श्री मोदी ने कहा कि दस साल में देश की अर्थव्यवस्था को पांचवे स्थान पर लेकर गये हैं और अब इसे तीसरे स्थान पर लेकर जाने का लक्ष्य है। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कांग्रेस को भी खूब खरी खोटी सुनायी और कहा कि अब कांग्रेस एक परजीवी पार्टी बन गयी है, जिसे दूसरों के सहारे की जरूरत पड़ती है।