अंतिम चरण के मतदान के बीच ही खडगे के आवास पर बैठक
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ऑपरेशन लोटस रोकने की पूर्व तैयारी
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अनुमान है कि भाजपा बहुमत से पीछे
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ममता बनर्जी इस बैठक से अनुपस्थित
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः घटक दलों के बीच एकता के बड़े प्रदर्शन में, इंडिया गठबंधन ने मतगणना के दिन से पहले रणनीति बैठक की। बैठक के लिए उद्धृत आधिकारिक कारण राज्य और जिला स्तर पर सुचारू मतगणना सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति तैयार करना है, लेकिन सूत्रों से संकेत मिलता है कि परिणामों से पहले घटक दलों को एक साथ रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इससे यह संकेत भी निकलकर आ रहा है कि दरअसल संभावित खरीद फरोख्त से बचने के लिए नेताओं को गुप्त हिदायत दी गयी है। दरअसल कई राज्यों में कांग्रेस ने इस ऑपरेशन लोटस को झेला है। इसलिए पहले से ही इसकी तैयारी की जा रही है कि भाजपा घटक दलों के लोगों को तोड़ नहीं पाये।
यह बैठक कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली आवास पर हो रही है। बैठक में लगभग सभी घटक दलों के प्रमुख नेता मौजूद है। अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह के साथ साथ माकपा के सीताराम येचुरी और नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला सबसे पहले वहां पहुंचे थे। केवल ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण और इस सप्ताह की शुरुआत में बंगाल से गुजरने वाले चक्रवात रेमल के लिए राहत कार्यों के मद्देनजर भाग नहीं ले रही है। इस बात का एलान ममता बनर्जी ने पहले ही कर दिया था।
वैसे इस बैठक में यह बात भी देखने लायक थी कि झामुमो नेत्री कल्पना सोरेन को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बीच में बैठने का स्थान दिया गया था। जबकि झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अन्य नेताओं के साथ बैठे थे।
बैठक के लिए उद्धृत आधिकारिक कारण राज्य और जिला स्तर पर सुचारू मतगणना सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति तैयार करना है, लेकिन सूत्रों से संकेत मिलता है कि झुंड को एक साथ रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि एनडीए के मामूली अंतर से जीतने की स्थिति में नतीजों से पहले यह मुद्दा महत्वपूर्ण है।
पार्टी को उम्मीद है कि एनडीए को 260-270 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी, जिससे वह बहुमत के आंकड़े से कुछ ही सीटों से पीछे रह जाएगी। स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने एनडीए को 270 से अधिक सीटें नहीं मिलने की भविष्यवाणी की है, जिससे वह बहुमत के आंकड़े से केवल दो सीटों से पीछे रह जाएगी। लेकिन गठबंधन संख्या न होने पर भी साथ रहना चाहता है।
बैठक से पहले एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में श्री खड़गे ने कहा, लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, और सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता बेहद सतर्क हैं… हमने 2024 का लोकसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ा है और सकारात्मक परिणाम के प्रति आश्वस्त हैं, क्योंकि भारत के लोगों ने हमारा समर्थन किया है।
आज शाम एग्जिट पोल आने की उम्मीद है, और कांग्रेस ने इसके बाद चर्चा में शामिल होने से इनकार कर दिया है, जिससे भाजपा खेमे में खलबली मच गई है। कांग्रेस ने कहा कि वह एग्जिट पोल को पूरी तरह से टालने योग्य मानती है, क्योंकि मतगणना कुछ ही दिनों में होगी, वहीं भाजपा ने इसे हार की मौन स्वीकृति बताया है। वैसे बैठक के बाद यह बताया गया कि इन घटक दलों के प्रतिनिधि टीवी चैनलों की चर्चा में भाग लेंगे।