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इस बार चाइना बम पर सबका ध्यान

चुनावी बाजार में जबर्दस्त मांग से कारीगर भी परेशान


  • इलेक्शन में इनकी मांग में इजाफा

  • बाहर से भी कारीगर बुलाये गये है

  • अरुणाचल प्रदेश होकर आ रहा बारूद


राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः यूं तो पटाखों की साल भर मांग रहती है। कारीगरों को भी साल भर काम करना पड़ता है ताकि आपूर्ति में कोई कमी नहीं है। लेकिन, इस बार वे कारीगर मतदान बाजार में खाना-पीना भूल गये हैं। सूत्रों से पता चला है कि इस बार चुनावी मांग बहुत अधिक है। इसलिए कुशल कारीगरों को लाया जा रहा है।

इस नए विस्फोटक से नये तरीके के बम विकसित किए जा रहे हैं। कूच बिहार से काकद्वीप तक, उत्तर बंगाल से दक्षिण बंगाल तक और यहां तक ​​कि राज्य की सीमाओं के पार, मुर्शिदाबाद के बम निर्माता मांग पर इनकी आपूर्ति कर रहे हैं। इनके साथ बीरभूम के कुछ कारीगर भी हैं।

चुनावों से पहले, उनका नया इनोवेशन चाइना बम व्यावहारिक रूप से मतदान बाजार में एक हॉट केक है। इस नए बम की मांग काली पूजा, दिवाली से पहले सट्टेबाजी जैसी है। नए उत्पाद का आविष्कारक, मोहल्ला, आपूर्ति प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रहा है। अब प्रशासन के लिए इन्हें रोकना और लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण कराना बड़ी चुनौती है।

राज्य पुलिस के खुफिया विभाग के एक सूत्र के मुताबिक, यह पहली बार है कि मुर्शिदाबाद के जलांगी में नए तरह के बम और बम बनाने के मसाले बनाए जा रहे हैं। इस बीच, जालंगी के फरजीपारा से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और बीरभूम के मल्लारपुर से भारी मात्रा में चीनी बम बरामद किये गये हैं। सोमवार सुबह इस नए विस्फोटक से भरे तीन ड्रम बरामद किए गए। उस स्रोत के आधार पर बीरभूम के लवपुर में चाइना बारूद मिला था। गिरफ्तार लोगों के फोन की तलाशी से बीरभूम के एक नेता का नाम बरामद हुआ। जांच चल रही है।

लेकिन आख़िर ये चीनी बम है क्या? कितना खतरनाक है ये बम? एसटीएफ के मुताबिक, बीरभूम के नेता को चाइना बारूद की गुणवत्ता और बम के मसाले पर असंतोष व्यक्त करते हुए सुना गया था। उसी आधार पर सिउरी थाने की पुलिस ने उसे सेजे नहापल्ली से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से चाइना बारूद बरामद हुआ। बाद में आरोपी को तिलपारा स्थित उसके घर ले जाया गया और घर के पीछे रखे ईंटों के ढेर और निर्माणाधीन मकान से बड़ी मात्रा में चाइना बारूद जब्त किया गया। तभी से पुलिस तलाश कर रही है।

पूछताछ करने पर असली सिर मुर्शिदाबाद के डोमकल, जलांगी और शमसेरगंज से मिला। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में गिरफ्तार लोगों ने बताया कि इस विशेष बम का मसाला अरुणाचल प्रदेश से असम के रास्ते पश्चिम बंगाल आ रहा था। दूसरी ओर, यह मसाला उत्तर प्रदेश से बीरभूम में प्रवेश कर रहा है। और इस पूरे रैकेट को मुर्शिदाबाद जिले के तीन लोग संभालते हैं। जांचकर्ताओं को जानकारी मिली है कि वे पहले ही बांग्लादेश में छिप गए हैं। हालांकि, जासूस राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभियुक्तों की तलाश कर रहे हैं।

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