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भाजपा के पास जेपी पटेल के जाने पर शब्द नहीं

महतो वोट का समीकरण ही बदल गया है एक चाल में


  • सीता सोरेन की आने की खुशी हवा

  • विधायक ने अपने जाने का खंडन किया

  • कई और के खेमा बदल की चर्चा अंदर में


राष्ट्रीय खबर

रांचीः रामगढ़ क्षेत्र के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय टेकलाल महतो के पुत्र और धनबाद क्षेत्र के बड़े झामुमो नेता मथुरा महतो के दामाद का भाजपा छोड़ना सारी खुशियों पर पानी फेरने जैसा है। सीता सोरेन को अपने पाले में शामिल कराने के बाद भाजपा की तरफ से बयानों की बाढ़ आ गयी थी।

अब जेपी पटेल के कांग्रेस में शामिल होने पर पूरे खेमे में चुप्पी है। इसके बीच ही राज पालिवान के भी पार्टी छोड़ने की बात आयी थी पर खुद पालिवाल ने इसका खंडन किया है। गुरुजी के परिवार में सेंधमारी की खुशी चौबीस घंटे भी नहीं टिक पायी। उसके बाद से चौबीस घंटे में पूरी तरह सन्नाटा है। नाराज भाजपा एक चिट्ठी लेकर स्पीकर के पास पहुंच गये। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भी इसका मजाक उड़ाते हुए कहा कि मुख्य सचेतक ही चला गया, पार्टी कैसी सचेत थी।

राजनीतिक जानकारों का तो यहां तक कहना है कि दूसरे दलों की हर अच्छी-बुरी खबर पर नजर रखनेवाली भाजपा को अपने ही दल के अंदर क्या खिचड़ी पक रही हैं, का पता ही नहीं चला। जेपी पटेल ने भाजपा की ऐसी की तैसी कर दी और कुछ गलत भी नहीं कहा। सीधे कह दिया कि उनके पिता और उनके विचारों से मेल नहीं खाती है भाजपा।

आनेवाले समय में जो -जो लोग अन्य दलों से राजनीतिक स्वार्थ व अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति नाममात्र के लिए भाजपा में गये हैं। कल वे भी भाजपा को लातमार कर दूसरे दलों में चले जाये या उनका हाथ पकड़कर जेपी पटेल का ही डायलॉग फिर से कहें तो किसी को कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए।

इस एक फैसले की वजह से हजारीबाग से भाजप प्रत्याशी मनीष जयसवाल के लिए अब कांटे की टक्कर हो गयी है। अगर महतो वोट एकजुट हुआ तो अप्रत्याशित परिणाम भी आ सकते हैं। दूसरी तरफ जेपी पटेल के कांग्रेस में शामिल होने से आजसू के समीकरण भी बदल सकते है क्योंकि रामगढ़ और हजारीबाग इलाके के कोयला खदानों में कांग्रेस का श्रमिक संगठन है।

जेपी पटेल के एक फैसले ने यह संकेत दे दिया है कि यहां कोई मोदी लहर नहीं है। यहां लहर सिर्फ और सिर्फ एक ही बह रही है। जिसको समझना है, वे समझते रहे। हालात तो यह है कि यहां खूंटी से उनके केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा इस बार जीत पायेंगे या नहीं, इसको लेकर भी भाजपा आश्वस्त नहीं हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह द्वारा लिये जा रहे फैसलों ने भाजपा कार्यकर्ताओं की नींद ही उड़ा दी है। भाजपा कार्यकर्ता तय नहीं कर पा रहे हैं कि क्या किया जाए। भाजपा कार्यकर्ताओं जानते है कि झारखंड में अंदर ही अंदर किसकी हवा बह रही है। अंदरखाने से मिल रही सूचनाओं के मुताबिक कई अन्य नेता भी वेटिंग रूम में बैठकर अपनी गाड़ी आने का इंतजार कर रहे हैं। इस बात से अब इंकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा के अंदर आगे टूट नहीं होगी।

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