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मोदी की अध्यक्षता में अब चौदह को होगी बैठक

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की बैठक एक दिन आगे

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पीएम की अध्यक्षता वाले पैनल की बैठक 14 मार्च को होगी। शीर्ष सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयुक्तों के चयन पर प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति अब दो नए ईसी के नामों को अंतिम रूप देने के लिए 14 मार्च को बैठक करेगी।

उन्होंने कहा कि कानून मंत्रालय ने 14 मार्च को दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक के लिए सभी पैनल सदस्यों को एक संशोधित संचार भेजा है। बैठक पहले 15 मार्च को शाम 6 बजे होनी थी। शुक्रवार को अरुण गोयल के इस्तीफे और 14 फरवरी को अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद चुनाव आयुक्तों की दो रिक्तियां आईं।

चयन पैनल की अध्यक्षता प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं और एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी इसके सदस्य हैं। चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जायेगी।

सूत्रों ने बताया कि दो नये चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति उसी दिन या अगले दिन तक किये जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि एक ईसी के चयन के लिए बैठक का नोटिस पहले शनिवार दोपहर को भेजा गया था जबकि गोयल के इस्तीफे की सूचना शाम को दी गई। दो ईसी के चयन के लिए संशोधित नोटिस कानून मंत्रालय द्वारा सोमवार शाम को भेजा गया था। सूत्रों ने कहा कि 14 मार्च के नोटिस में समिति की स्थगित बैठक का जिक्र है जो पांडे की सेवानिवृत्ति के कारण बनी रिक्ति को भरने के लिए 7 मार्च को होनी थी। ताजा नोटिस में इस्तीफा देने वाले गोयल के प्रतिस्थापन को शामिल किया गया है।

चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद से कुछ दिन पहले, गोयल ने शुक्रवार सुबह अचानक इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और केंद्रीय कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की। इससे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार चुनाव निकाय के एकमात्र सदस्य रह गये हैं।

गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे। वह नवंबर 2022 में चुनाव आयोग में शामिल हुए थे। उनका कार्यकाल 5 दिसंबर, 2027 तक था। इससे पहले, एक अन्य ईसी अशोक लवासा ने अगस्त 2020 में चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग द्वारा लिए गए विभिन्न आदर्श आचार संहिता उल्लंघन निर्णयों पर असहमति जताई थी।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अधीन एक खोज समिति, जिसमें गृह सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव शामिल होंगे, पहले दोनों पदों के लिए पांच-पांच नामों के दो अलग-अलग पैनल तैयार करेगी। बाद में, प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के लिए दो व्यक्तियों का नाम देगी।

हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर एक नया कानून लागू होने से पहले, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी और परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ को मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाता था। दो अतिरिक्त आयुक्त पहली बार 16 अक्टूबर 1989 को नियुक्त किए गए थे, लेकिन उनका कार्यकाल 1 जनवरी 1990 तक रहा। बाद में 1 अक्टूबर 1993 को दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए। बहु-सदस्यीय चुनाव आयोग की अवधारणा तभी से चलन में है, जिसमें निर्णय बहुमत से होते हैं।

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