उत्तर बंगाल के भाजपा के किला में दरार नजर आने लगे
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मुझे डस्टबीन बनाकर रख दिया है
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इलाके में राजवंशी वोटों का दबदबा
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अमित शाह ने धमकी दी है उन्हें
राष्ट्रीय खबर
सिलिगुड़ीः कूच बिहार के महाराजा अनंत रॉय को मनाने के लिए भाजपा को काफी कुछ करना पड़ा था। उत्तर बंगाल के इस इलाके में राजबंशी वोटों को आकर्षित करने के उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद अनंत से मिलने महाराज के असम स्थित घर गए।
शाह की बात चीत के तौर तरीके से नाराज अनंत अब भाजपा के राज्यसभा सांसद होने के बावजूद भी पार्टी से नाराज हैं। कुछ महीने पहले राजवंशी बहुल धूपगुड़ी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को अपनी जीती हुई सीट गंवानी पड़ी थी। नतीजतन यह नहीं कहा जा सकता कि राजवंशी वोटों पर भाजपा का पूरा दबदबा है।
ऐसे में अनंत ने पार्टी के खिलाफ कदम उठाया है। उन्होंने कहा, भाजपा ने मुझे सांसद तो बनाया लेकिन मेरा सम्मान नहीं किया। कूड़ेदान की तरह छोड़ दिया। मैंने कूचबिहार में भाजपा कार्यालय भी नहीं देखा है।
उनके करीबियों का कहना है कि रविवार को अनंत के पास शाह का फोन आया था। इसके बाद से गुस्सा और बढ़ गया है। अनंत के करीबी लोगों का यह भी दावा है कि शाह ने धमकी भरे लहजे में बात की थी। अनंत ने इस संदर्भ में कहा, अमित शाह जी ने मुझे फोन किया। उनका कहना है, नो यूटी, नो वोट अभियान बंद किया जाना चाहिए। उसने मेरी बात नहीं सुनी।
मुझे ऐसे किसी अभियान के चलने की जानकारी भी नहीं है। मैं नहीं जानता कि यह कौन कर रहा है, चाहे वे शाही लोग हों या नहीं। शाह ने उन्हें यह सब कहने का मौका दिए बिना फोन रख दिया। क्या वह शाह के फोन से नाराज हैं? ऐसे सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, मेरे पास नाराज होने का कोई कारण नहीं है। यहां के लोग अलग राज्य की मांग को लेकर गुस्से में हैं।
मैंने शाह से मुलाकात की और बजट सत्र के दौरान ही यह मुद्दा उठाया।’ तब उन्होंने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे। लेकिन उसके बाद अब तक कुछ नहीं हुआ। मैंने इस पर किसी आक्रोश या वोट बहिष्कार के आह्वान के बारे में नहीं सुना है और फिर भी उसका मुझसे कोई संपर्क नहीं है। शाह ने मुझसे रुकने को कहा।
लेकिन जो मैं नहीं जानता, उसे कैसे रोकूँ? भाजपा सांसद बनने से पहले वह ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन के नेता थे। अनंत या उनकी पार्टी की मुख्य मांग अलग राज्य है। अनंतों के सभी आंदोलन और वार्ताएं ग्रेटर कूच बिहार के नाम से बंगाल से बाहर निकलने के लिए एक अलग राज्य की मांग को लेकर थीं। अनंत अब उस मांग को बढ़ा न सकें इसके लिए भाजपा इन महाराज को पार्टी का सदस्य बनाना चाहती है। इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में राजबंशी समर्थन बरकरार रखने के लिए भी इस पहल पर विचार किया गया।