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पर्यटक भी अब सीधे सिक्किम जाएंगे

चीन को टक्कर देने में भारतीय सेना को और बेहतर सुविधा

राष्ट्रीय खबर

सिलिगुड़ीः चीन सीमा पर नाथू ला दर्रा एक प्रमुख पर्यटन केंद्र है। इससे पहले सिक्किम जाने वाले पर्यटकों को यहां से किसी भी किस्म के वाहन का सहारा लेना पड़ता था। अब लोग सीधे रेल से ही गंगटोक तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा सेवक से रंगपो तक सुरंग का काम लगभग पूरा हो चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन रंगपोर की आधारशिला रख चुके हैं। इसलिए न्यू जलपाईगुड़ी से सिक्किम जाने के लिए अब बस या किराये की कार की जरूरत नहीं है। राज्य से रंगपो के रास्ते सीधे गंगटोक पहुंचा जा सकता है। अगले चरण में ट्रेन चीनी सीमा के पास नाथू ला पास पहुंचेगी।

सिक्किम सोमवार को भारत के रेल मानचित्र में शामिल हो चुका है। यह पहली बार है जब इस राज्य को कोई स्टेशन मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया है और सिक्किम में रोंगपो स्टेशन की आधारशिला रखी है। बंगाल सेवक से रंगपो तक रेलवे सुरंग पहले ही पूरी हो चुकी है। इसी तरह नाथू ला तक सुरंग बनाई जाएगी।

दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर भारत पर विशेष ध्यान दिया। 2022 के बजट में केंद्र ने सिक्किम के रेलवे प्रोजेक्ट के लिए 2।5 अरब रुपये आवंटित किए हैं। 45 किलोमीटर लंबे इस रेलवे पर पांच स्टेशन होंगे। रेलवे ने बताया कि रंगपो-गंगटोक तक सर्वे का काम पूरा हो चुका है। नाथू ला तक सर्वेक्षण का अगला चरण जल्द ही शुरू होगा।

संयोग से, केंद्र सरकार की नजर अब उत्तर-पूर्व में चीनी सीमा तक सड़क और रेलवे के विस्तार पर है। उस काम का पहला चरण सेवक-रोंगपो रेल परियोजना था, जो लगभग पूरा हो चुका है। इसके अलावा सेबक में तीस्ता पुल के पुनर्निर्माण और बागराकोट से सिक्किम तक नई सड़क बनाने की परियोजना पर भी काम चल रहा है।

डोकलाम विवाद के बाद राफेल लड़ाकू विमान हासीमारा पहुंचे। दिल्ली पूर्वोत्तर में कई अन्य हवाई अड्डों का विस्तार करने पर भी विचार कर रही है। इस समय नाथू ला तक रेलवे को पूरा करने का विचार भी शुरू हो गया है। जिससे सेना और पर्यटकों को एक साथ फायदा होगा। भारतीय सेना को चीन सीमा तक पहुंचाने के लिए भी यह रेल लाइन मददगार बनेगा।

1962 के भारत चीन युद्ध में अन्य सभी स्थानों पर पराजित होने के बाद भी यह  नाथू ला दर्रा एकमात्र स्थान है, जहां चीनी की हमलावर सेना को परास्त होना पड़ा था। इस वजह से भी यह एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बना हुआ है, जहां जाने के लिए किसी भी पर्यटक को अलग से परमिट बनाना पड़ता है।

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