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आदमखोर बाघ के हमले में घायल मछुआरे की मौत, वीडियो

मैंग्रोव जंगल के अंदर से छिपकर हमला किया था


  • दूसरे लोगों ने पतवार और लाठी चलायी

  • लगातार शोर से बाघ डरकर भाग निकला

  • दीपक के शव को पोस्टमार्टम में भेजा


राष्ट्रीय खबर

कैनिंगः सुंदरवन में केकड़े पकड़ते समय बाघ के हमले में एक मछुआरे की मौत हो गई। दीपक मंडल (53) गोसाबा ब्लॉक के कुमिरमारी ग्राम पंचायत के दक्षिण पारा के निवासी थे। वह रविवार को केकड़े पकड़ने सुंदरवन गया था। उनके साथ कुछ और लोग भी थे। जिस नाव से यह सारे लोग केकड़ा पकड़ने गये थे उस नाव में दीपक का बाघ का शव वापस आ गया।

मालूम हो कि दीपक रविवार को दादा सुदीप मंडल और दो पड़ोसियों देबू मंडल और भोला मंडल के साथ सुंदरवन गया था। सुंदरबन बाघ परियोजना के तहत हरीखाली क्षेत्र में खाड़ी में केकड़ों के लिए मछली पकड़ने के दौरान बाघ का हमला हुआ। बाघ वहां के मैंग्रोव के पीछे छिपा हुआ था और निगरानी कर रहा था। दरअसल यह जंगल ही कुछ ऐसा है कि वहां दस फीट जंगल के भीतर कौन है, यह जल्दी नजर भी नहीं आता है।

पर्यटकों को नदी में तैरता दिखा बाघ

सुंदरवन के बाघ ने वहां मछुआरों के समूह पर हमला कर दिया। अचानक वह दीपक पर झपट पड़ा। गर्दन पर काटने के बाद वह नदी में गिर गया। दीपक के बड़े भाई ने बताया कि उनकी आंखों के सामने ही बाघ दीपक के शव को ले जाने की कोशिश कर रहा था। यह देखकर नाव पर सवार लोग अपने नाव की पतवार और लाठी लेकर बाघ से लड़ने लगे।

दीपक के बड़े भाई और अन्य साथियों ने नाव से लाठी-डंडे लेकर बाघ का पीछा किया। जब उसने बाघ को अपने सामने देखा तो वह चिल्लाने लगा और हाथ में लिए डंडे और पतवार से उसे डराने लगा। पहले तो बाघ अपना शिकार छोड़ना नहीं चाहता था। दूसरी तरफ गांव वाले भी मोर्चा पर डटे हुए है। लगातार शोर और लाठी डंडा देखकर अंततः बाघ अपने घायल शिकार को छोड़कर जंगल में भाग गया। वहां से उसे निकालने के बाद लोगों ने देखा कि बाघ के हमले से वह निर्जीव पड़ा हुआ है। अपने पुराने अनुभव से नाव पर सवार दूसरे लोग भी समझ गये कि दीपक की मौत हो चुकी है। इस शव को लेकर सोमवार शाम को कुमिरमारी गांव के दक्षिणपारा इलाके के जेट्टी घाट पहुंचे। सुंदरबन तट पुलिस पहुंची और शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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