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साइबर ठग राम मंदिर भक्तों को निशाना बना रहे हैं

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश भर की पुलिस को सतर्क किया है

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या को लेकर साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। रामलला की मूर्ति के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले मंदिर शहर अयोध्या में लोगों को ठगने की घटनाएं बढ़ी है। पुलिस ने इस बारे में जनता को सतर्क किया है। साइबर अपराधी धोखाधड़ी करने के लिए अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का फायदा उठा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि राम मंदिर के नाम पर चंदा इकट्ठा करने के लिए नकली क्यूआर कोड भेजे जा रहे हैं। धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में नकली प्रसादबांटना, राम मंदिर के दर्शन के लिए वीआईपी और प्रवेश पास की पेशकश करना और राम के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाना शामिल है। पुलिस ने नागरिकों को बिना सत्यापन के अज्ञात व्यक्तियों के अनुरोधों या व्हाट्सएप संदेशों का जवाब देने से बचने की सलाह दी।

घोटालों का शिकार होने से बचने के लिए नागरिकों को उचित सत्यापन के बिना दान करने के खिलाफ चेतावनी दी जाती है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेज़ॅन के खिलाफ श्री राम के प्रसाद के रूप में दूसरी मिठाइयों की बिक्री से संबंधित भ्रामक व्यापार प्रथाओं का आरोप लगाते हुए कार्रवाई शुरू की। मंदिर अयोध्या प्रसाद के तौर पर पहचाने गए उत्पादों में रघुपति घी लड्डू, खोया खोबी लड्डू, घी बूंदी लड्डू और देसी गाय के दूध का पेड़ा शामिल हैं। यह कार्रवाई उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के अनुरूप है, जो ऑनलाइन बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादों के भ्रामक प्रतिनिधित्व को संबोधित करती है।

राम जन्मभूमि मंदिर में आरती पास के लिए बुकिंग 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले दिसंबर में शुरू हुई थी। भगवान राम लला के लिए तीन दैनिक आरती सत्र (सुबह 6:30, दोपहर 12, शाम 7:30) आयोजित किए जाते हैं और भक्तों के लिए पास जारी किए जाते हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जाने वाली नई राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी 22 जनवरी को निर्धारित है। लक्ष्मी कांत दीक्षित के नेतृत्व में पुजारियों की एक टीम अनुष्ठान करेगी। अरुण योगीराज द्वारा गढ़ी गई मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया था। इस बीच ही देश भर में सामाजिक तनाव बनाने की साजिश करने वालों पर भी सतर्क किया गया है। ऐसा माना जाता है कि कई समूह इस काम में लिप्त हैं। इसी वजह से पुलिस ने करीब एक सौ से अधिक सोशल मीडिया साइटों की पहचान भी कर ली है। जहां से तनाव भड़काने की साजिश की गयी थी।

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