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चीन ला रहा है मोबाइल के लिए परमाणु बैटरी

बीजिंगः जरूरी काम अथवा बात करने के मौके पर मोबाइल की बैटरी गुल होने की परेशानी को हरेक ने झेला है। कई बार लोग अलग अलग कारणों से समय पर मोबाइल की बैटरी को चार्ज करना भूल जाते हैं। अब इस समस्या से मुक्ति दिलाने का दावा चीन ने किया है। आम तौर पर हम चाहे कितना भी महंगा फोन खरीद लें, लगभग सभी ब्रांड के फोन में बैटरी चार्ज न होने की समस्या होती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई लोग अपने पास पावर बैंक भी रखते हैं। इसे समय-समय पर चार्ज करने की भी जरूरत होती है।

हालाँकि,अब लगता है कि फोन को चार्ज करने का यह दौर इस बार खत्म होने वाला है। बीजिंग की एक कंपनी ऐसी परमाणु बैटरियां बाजार में लाने वाली है। एक बार चार्ज करने पर 50 साल तक चलेगा। फोन मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूक्लियर या परमाणु का नाम सुनकर डरने की कोई बात नहीं है।

यह परमाणु बैटरी आकार, आकार में पांच सामान्य फोन बैटरियों की तरह दिखेगी। बीटावोल्ट कंपनी ने आइसोटोप-63 को मिलाकर एक माइक्रोचिप बनाई है जो 1 रुपये के सिक्के जैसा दिखता है। कंपनी का दावा है कि यह दुनिया की पहली बैटरी है जिसमें परमाणु ऊर्जा इतने छोटे रूप में समाहित है। अगली पीढ़ी की यह बैटरी प्रायोगिक तौर पर सफल रही है।

अगर फोन में इस बैटरी का प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में इसे ड्रोन के लिए भी तैयार किया जाएगा। एक प्रेस बयान में कंपनी ने कहा कि बैटरी एयरोस्पेस उपकरण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, चिकित्सा विज्ञान, माइक्रोप्रोसेसर, उन्नत सेंसर, ड्रोन और छोटे रोबोट में भी काम करेगी। इस बैटरी का आकार लंबाई और चौड़ाई 15 मिमी होगी। 5 मिमी मोटी बैटरी वर्तमान में 3 वोल्ट पर 100 माइक्रोवाट बिजली पैदा करती है। हालाँकि, बीटावोल्ट 2025 तक 1 वॉट बिजली तक पहुँचने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। कंपनी का दावा है कि इतनी पावरफुल बैटरी मानव शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी। यह भी ज्ञात है कि इन परमाणु बैटरियों का उपयोग पेसमेकर जैसे जीवन रक्षक उपकरणों में किया जा सकता है।

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