एनआईए की वेबसाइट में किशोर दा अब भी फरार दिख रहे हैं
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः प्रसिद्ध माओवादी और इस प्रतिबंधित संगठन की केंद्रीय कमेटी के सदस्य किशोर दा यानी सब्यसाची गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद ईनाम का पैसे किसे मिलेगा, यह बड़ा सवाल बन गया है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि एनआईए द्वारा निर्धारित 10 लाख रुपये का ईनाम जिला पुलिस को दिया जाएगा या राज्य पुलिस को।
या फिर उन्हें कोई बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा क्योंकि एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। सब्यसाची के पुलिस जाल में फंसने के दो दिन बाद भी इस मुद्दे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बीच, राज्य पुलिस ने शीर्ष माओवादी नेता की गिरफ्तारी के बाद जंगलमहल के चार जिलों के 29 पुलिस स्टेशनों में रेड अलर्ट जारी किया है।
इसके चलते कैंप, थाने, चौकियां हर जगह अलर्ट है। क्योंकि पूर्व में इस जंगल में माओवादी आंदोलन के दौरान उनके बड़े नेता के पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद उन्होंने तोड़फोड़ की थी। हालांकि अब जंगल महल में ऐसी कोई स्थिति नहीं है। फिर भी सतर्क राज्य पुलिस कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।
गिरफ्तार माओवादी नेता सब्यसाची को पूछताछ के लिए शुक्रवार रात बांकुड़ा ले जाया गया है। हालांकि राज्य पुलिस के आईजी (बांकुड़ा रेंज) भरतलाल मीणा शनिवार को उनसे पूछताछ करने पुरुलिया आये। पुरुलिया के पुलिस अधीक्षक अभिजीत बंद्योपाध्याय ने कहा, विभिन्न मामलों में पूछताछ जारी है। पुरुलिया जिला पुलिस गिरफ्तार सब्यसाची से शुक्रवार शाम से पूछताछ कर रही है।
गिरफ्तार माओवादी नेता अक्टूबर 2003 में इसी जिले के बंदवान के कटागोरा जंगल में बारूदी सुरंग विस्फोट में बंदवान थाने के तत्कालीन ओसी नीलमाधव दास की मौत का आरोपी है। इसके अलावा जंगलमहल बांकुरा, झाड़ग्राम और मेदिनीपुर में भी उसके नाम पर कई मामले दर्ज हैं। हालांकि उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है, लेकिन पुलिस सैद्धांतिक नेता के साथ अतिथि की तरह व्यवहार कर रही है। उसे एक जैकेट खरीद कर दी जाती है, उसका पसंदीदा खाना दिया जाता है।
दूसरी तरफ गिरफ्तारी के 72 घंटे बाद भी सब्यसाची गोस्वामी उर्फ किशोर एनआईए की वेबसाइट पर मोस्ट वांटेड माओवादी नेता हैं! उनकी तस्वीर और नाम मोस्ट वांटेड लिस्ट में टंगा हुआ है। उनकी प्रोफाइल पर अभी भी फरार शब्द चमक रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो एनआईए की वेबसाइट के मुताबिक, माओवादी सेंट्रल कमेटी के सदस्य और बंगाल प्रभारी सब्यसाची गोस्वामी उर्फ बाबू उर्फ किशोर उर्फ अजय उर्फ पंकज अभी भी भागे हुए या छिपे हुए हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की वेबसाइट पर गिरफ्तारी की खबर अपडेट नहीं की गई है। और इसमें जांचकर्ताओं के साथ-साथ जानकार हलकों के बीच समन्वय की कमी भी स्पष्ट है। जिला पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन सभी मामलों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अब तक राज्य पुलिस से संपर्क नहीं किया है। हालांकि, केंद्रीय खुफिया सूत्रों के मुताबिक, वे गिरफ्तार माओवादी नेता सब्यसाची से पूछताछ करने के लिए पुरुलिया आ रहे हैं। इस शीर्ष माओवादी नेता को पुरुलिया जिला पुलिस की बड़ी सफलता के तौर पर गुरुवार की रात पुरुलिया के झारखंड सीमा पर स्थित बाघमुंडी के माथा वन क्षेत्र के चौनिया जंगल से गिरफ्तार कर लिया गया।