श्मशान के रास्ते से वापस अस्पताल गये
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गांव में दाह संस्कार की तैयारी थी
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तीन दिनों से वेंटिलेटर पर ही थे
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अब नजदीकी अस्पताल में ईलाज
राष्ट्रीय खबर
चंडीगढ़ः श्मशान जाने के रास्ते में एक गड्ढा था। उस गड्ढे में एंबुलेंस का चक्का गया तो झटका लगा। इस झटके से अंदर मृत घोषित व्यक्ति जिंदा हो गया। उसे जिंदा पाकर उसके घरवाले फिर से उसे अस्पताल वापस ले गये। दरअसल करनाल के निसिंग की यह घटना है। कई दिनों तक बीमार रहने के बाद दर्शन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
चार दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद गुरुवार सुबह 9 बजे डॉक्टरों ने दर्शन को मृत घोषित कर दिया। 80 साल के दर्शन सिंह बराड़ को गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दर्शन के शव को अस्पताल से श्मशान घाट तक एम्बुलेंस में ले जाते समय एक अवास्तविक घटना घटी। गड्ढे से टकराने के बाद दर्शन का शव अचानक जीवित हो उठा।
दर्शन के परिजन तुरंत एंबुलेंस से श्मशान घाट से नजदीकी अस्पताल ले गए। दर्शन के पोते बलबन सिंह ने बताया कि कई दिनों तक बीमार रहने के बाद दर्शन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद गुरुवार सुबह 9 बजे डॉक्टरों ने दर्शन को मृत घोषित कर दिया। दर्शन का गांव वाला घर अस्पताल से 100 किमी दूर था।
बलबन ने बताया कि उनके परिवार वाले दर्शन के शव को उस गांव के श्मशान घाट ले जा रहे थे। एंबुलेंस से गांव जाते समय कार का चक्का सड़क के बड़े गड्ढे में गिरी। बलबन ने कहा, हममें से कुछ लोग एम्बुलेंस के अंदर बैठे थे। झटके के बाद अचानक मैंने देखा कि मेरे दादाजी का हाथ काँप रहा था। कुछ देर बाद मुझे एहसास हुआ कि दादू अभी भी जीवित हैं।
तुरंत एम्बुलेंस मुड़ी और नजदीकी अस्पताल में चली गई। यह भगवान की कृपा है। अन्यथा, ऐसा चमत्कार कैसे हो सकता है? बलबन ने यह भी कहा कि उन्होंने अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था कर ली थी। गांव में तंबू लगा दिया गया। उन्होंने वहां ग्रामीणों के लिए कुछ भोजन की व्यवस्था की। वे दाह-संस्कार के लिए लकड़ियाँ भी लेकर आये। फिलहाल दर्शन का अस्पताल में इलाज चल रहा है।