रांचीः प्रवर्तन निदेशालय ने साहिबगंज डीसी और मुख्यमंत्री के सलाह सहित एक अन्य कारोबारी को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस बीच चर्चा यह हो रही है कि पूर्व में हुई इन तीनों के यहां छापामारी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
वैसे इस आकलन का कोई आधार नहीं है और ना ही ईडी की तरफ से इस बारे में औपचारिक तौर पर कोई जानकारी दी गयी है। मिली जानकारी के मुताबिक साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव के आवास से नकदी के अलावा प्रतिबंधित बोर की गोलियां बरामद की गयी थी।
उन्हें ईडी ने अपने कार्यालय में 11 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। इसी तरह मुख्यमंत्री के सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के यहां भी छापामारी हुई थी लेकिन वहां से किसी बरामदगी की औपचारिक सूचना नहीं है।
उन्हें ईडी ने 16 जनवरी को अपने कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है। एक पूर्व पुलिस अधिकारी के पुत्र तथा बिल्डर विनोद कुमार सिंह के कार्यालय से नकदी और दस्तावेज बरामद होने की सूचना है। उनके एक कार्यालय को सील भी किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 15 जनवरी को कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है।
इस बीच अंदरखाने से यह सूचना भी आ रही है कि फिलहाल केंद्र सरकार की चाल हेमंत सोरेन को सिर्फ उलझाकर रखने की है। मीडिया के एक वर्ग ने बिना किसी अधिकृत सूत्र के उनकी गिरफ्तारी और उनकी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाये जाने की सूचना प्रसारित की थी।
बाद में यह दोनों बातें गलत साबित हुई। इससे माना जा रहा है कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी ईडी की जाल में उलझाकर रखना चाहती है। इसका मकसद लोकसभा चुनाव में भाजपा की राह में रोड़े अटकाने वालों को चुनावी गतिविधि से सक्रिय रूप से दूर रखना भर है।