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हेमंत सरकार को अपने क्षेत्र के दुख दर्द की चिंता नहीः मरांडी

  • मुख्यमंत्री का यहां नहीं आना दुखद

  • सरकार आपके द्वार सर्किट हाउस तक

  • शायद सीएम को खुद के मलेरिया का भय

राष्ट्रीय खबर

रांचीः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने लिट्टीपाड़ा के कुटलो और सुंदरपहाड़ी के जोलो बरागो गांव में ब्रेन मलेरिया से मृतकों के परिजन एवम् बीमारी से पीड़ित परिवार से मुलाकात कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस क्षेत्र में दो दिवसीय दौरे के बावजूद प्रभावित गांवों का दौरा कर पीड़ितों का हाल चाल नहीं लेने को उन्होंने दुखद बतलाया।

श्री मरांडी ने कहा कि आश्चर्य लगता है कि सीएम पाकुड़ और बरहेट आए, दो दिनों तक रहे परंतु मलेरिया प्रभावित गांव जाकर पीड़ितों और प्रभावितों से मुलाकात तक नहीं की, यह दुखद है। शायद मुख्यमंत्री इसलिए प्रभावित गांवों में नहीं आए कि अगर वे गांव जाएंगे तो उन्हें भी मलेरिया हो जाएगा।

या तो वे डर गए या अफसरों ने उन्हें डरा दिया कि आप गांव जाएंगे तो बीमार पड़ जाएंगे। मुख्यमंत्री के पास तो हेलीकॉप्टर था, चाहते तो आसानी से एक दो गांव का भ्रमण कर पीड़ितों का हाल-चाल ले सकते थे। लोगों के तकलीफों को जानेंगे, तभी तो उसका सही समाधान हो पाएगा। सरकार गांव की बात करती है परंतु जहां लोग पीड़ित हैं, गरीब हैं, तकलीफ में हैं वहां ही नहीं गए तो फिर क्या कहा जाए।

श्री मरांडी ने राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि हमें लगता है कि भारत सरकार की नल से जल योजना को यहां पर अमल में लाना चाहिए और इस बाबत मुख्यमंत्री को राज्य के अफसर को निर्देशित करनी चाहिए। इसके लिए सप्ताह या महीना भर दिन की जरूरत नहीं है। अगर युद्ध स्तर पर काम किया गया तो यह महज दो दिनों का ही काम है।

आवागमन की समुचित व्यवस्था नहीं है। नावाडीह में  बिल्कुल कीचड़ है। स्वाभाविक है कि इस प्रकार की गंदगी होगी तो मच्छर पैदा होंगे और लोग बीमार पड़ेंगे। सड़क को तत्काल ठीक करने की जरूरत है। लिट्टीपाडा,  सुंदरपहाड़ी है यह मलेरिया का जोन है। यहां तो सरकार को स्पेशल ड्राइव चलाना चाहिए।

ताकि केवल रोकथाम ही नहीं हो बल्कि इसका स्थाई समाधान हो सके। गांव की सुविधा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। सड़क  अच्छी होगी तो जल जमाव भी नहीं होगा और इस कारण मच्छर भी पैदा नहीं होगा। सरकार को अविलंब इस दिशा में काम करना चाहिए। आजकल तो अच्छी तकनीक का समय है।

सरकार चाहे तो सड़क, पानी की उपलब्धता सहित सभी चीजें सप्ताह भर में दुरुस्त हो सकती है। जो लोग बीमार हैं उनके इलाज के लिए बेहतर सुविधा करने की जरूरत है। पता चला की लिटीपाड़ा अस्पताल में बेड की अच्छी व्यवस्था नहीं है तो आजकल तो सब कुछ पोर्टेबल है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। जाड़े का मौसम है, गरीबों को कंबल भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

गौरतलब है कि लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बड़ा कुटलो गांव में पिछले दिनों ब्रेन मलेरिया पांच बच्चों की मौत हो गई थी। आज प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी बड़ा कुटलो ग्राम पहुंच कर मलेरिया से मृतकों के परिजनों और बीमारी से पीड़ित परिवार से मुलाकात कर वहां की स्थिति को ग्रामीणों से जाना।

इसके अलावा लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बड़ा कुटलो गांव जाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी गोड्डा जिला के सुंदरपहाड़ी प्रखंड जोलो बरागो गांव पहुंचे। सुंदरपहाड़ी में ये गांव लगभग 8 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। इस गांव में जाने के लिए सड़कें तक नहीं है फिर भी प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी पैदल और मोटरसाइकिल से इस गांव में पहुंच कर वहां पर मलेरिया बीमारी से मृतकों के परिजनों और मलेरिया से पीड़ित लोगों से मिल कर वहां की समस्याओं को सुना।

हालात की गंभीरता को देखते हुए बाबूलाल मरांडी ने अपने सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर लिट्टीपाड़ा और सुन्दरपहाड़ी के गांवों में स्वास्थ्य स्थिति के जायजा लेने एवं प्रभावित लोगों से मिलने का निर्णय लिया। ताकि जनता को मलेरिया के प्रकोप से तात्कालिक राहत दिलाने में पहल कर सकें।

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