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दो प्रधानमंत्रियों ने किया तीन परियोजनाओं का लोकार्पण

  • परिवहन और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग

  • पूर्वोत्तर भारत को इसका फायदा होगा

  • परिवहन की लागत भी इससे कम होगी

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को भारत की सहायता से तैयार तीन विकास परियोजनाओं- अखौरा-अगरतला सीमा पार रेल सम्पर्क, खुलना-मंगला बंदरगाह रेल लाइन और मैत्री सुपर ताप विद्युत संयंत्र की दूसरी इकाई का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया । दोनों नेताओं ने आज पूर्वाह्न 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन तीन परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।

ये परियोजनाएं क्षेत्र में कनेक्टिविटी और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगी। अखौरा-अगरतला सीमा पार रेल सम्ज़्पर्क परियोजना भारत सरकार द्वारा बंगलादेश को दी गई 392.52 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के तहत तैयार की गई है। बंगलादेश में 6.78 किलोमीटर लंबी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के साथ रेल सम्ज़्पर्क की कुल लंबाई 12.24 किलोमीटर है।

खुलना-मंगला बंदरगाह रेल लाइन परियोजना भारत सरकार की रियायती ऋण सुविधा के तहत 38.892 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत से तैयार की गई है। इस परियोजना में मंगला बंदरगाह और खुलना में मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच लगभग 65 किलोमीटर ब्रॉडगेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है। इसके साथ ही बंगलादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह, मंगला, ब्रॉडगेज रेलवे नेटवर्क से जुड़ गया है।

इसी तरह से 1.6 अरब अमरीकी डालर के भारतीय रियायती वित्तपोषण योजना ऋण के अंतर्गत मैत्री सुपर ताप विद्युत परियोजना, बंगलादेश के खुलना डिवीजन के रामपाल स्थित 1320 मेगावाट (2गुणा660) का सुपर ताप विद्युत संयंत्र (एमएसटीपीपी) लगाया गया है। यह परियोजना बंगलादेश-भारत मैत्री पावर कंपनी (प्राइवेट) लिमिटेड (बीआईएफपीसीएल) द्वारा कार्यान्वित की गई है, जो भारत की एनटीपीसी लिमिटेड और बंगलादेश विद्युत विकास बोर्ड (बीपीडीबी) के बीच 50:50 की संयुक्त उद्यम कंपनी है। मैत्री सुपर ताप विद्युत संयंत्र की इकाई-1 का सितम्बर 2022 में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से अनावरण किया गया था और इकाई-2 का उद्घाटन आज किया गया। मैत्री सुपर थर्मल बिजली संयंत्र के संचालन से बंगलादेश में ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी।

खास तौर पर बांग्लादेश की रेल परियोजना और खुलना मंगला बंदरगाह रेल लाइन से उत्तर पूर्वी भारत को भी आर्थिक लाभ होगा। वहां माल परिवहन की लागत कम होने के साथ साथ माल पहुंचाने का समय भी कम हो जाएगा। इस रेल मार्ग के जरिए वहां के उत्पाद भी बांग्लादेश होते हुए भारत एवं अन्य देशों को जल्द भेजे जा सकेंगे।

इससे पूर्वोत्तर भारतीय उत्पादनों को भी वैश्विक बाजार से कमाई करने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा। बांग्लादेश ने भी इन परियोजनाओं के माध्यम से भारत के साथ अपना व्यापार बढ़ाने की सोच पर काम किया है। इससे बांग्लादेश के उत्पाद भी कम परिवहन लागत पर भारत पहुंचाये जा सकेंगे। यह बता देना आवश्यक है कि खास तौर पर रेडिमेड वस्त्रों के मामले में हाल ही में बांग्लादेश ने पूरे एशिया के सबसे बड़े निर्माता चीन को भी पछाड़ दिया है। अब नौ परिवहन के जरिए बांग्लादेश के उत्पादकों को भी भारत का बड़ा बाजार उपलब्ध होगा।

मोदी ने मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर दीं शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर सभी नागरिकों को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। श्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए अपने संदेश में लिखा है, ‘मध्यप्रदेश के अपने सभी परिवारजनों को राज्य के स्थापना दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।

विकास की नित नई ऊंचाइयों को छू रहा हमारा मध्यप्रदेश अमृतकाल में देश के संकल्पों को साकार करने में अहम योगदान दे रहा है। मेरी कामना है कि यह राज्य प्रगति के पथ पर यूूं ही निरंतर अग्रसर रहे।’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर सभी नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासतों से परिपूर्ण यह प्रदेश विकास और गरीब कल्याण के नित नए मापदंड स्थापित कर रहा है।

आने वाले समय में प्रदेश विकास व प्रगति के शिखर पर पहुंचे, यही कामना है। अनेक केंद्रीय मंत्रियों ने भी मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी हैं। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य के अनेक राजनेताओं ने भी नागरिकों को राज्य के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए सभी के कल्याण की कामना की है। मध्यप्रदेश की स्थापना एक नवंबर 1956 को हुयी थी। हालाकि एक नवंबर 2000 में राज्य पुनर्गठन के जरिए मध्यप्रदेश का विभाजन हुआ और छत्तीसगढ़ राज्य भी अस्तित्व में आया।

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