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साइबर सुरक्षा के लिए विनिर्माण में आत्मनिर्भरता जरूरी: मोदी

  • विकास का लाभ हर नागरिक को मिले

  • कई मामलों में आत्मनिर्भरता जरूरी है

  • दूरसंचार में भारत आगे बढ़ता जा रहा है

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने साइबर सुरक्षा के लिए उपकरणों के विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के महत्व को रेखांकित करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत की  युवा पीढ़ी प्रौद्योगिक क्रांति का नेतृत्व कर रही है  और देश 6जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री मोदी यहां भारत मंडपम में भारत मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी2023) का उद्घाटन कर रहे थे।  इस अवसर पर उन्होंने देश के 100 विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में 5जी ऐप विकास प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किए जाने की घोषणा भी की। प्रगति  मैदान के भारत मंडपम में आयोजित तीन दिन के इस सम्मेलन में दूरसंचार ,  डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं सॉफ्टवेयर उद्योग की कंपनियां शामिल हो रही हैं।

श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि भारत में विकास और संसाधनों का लाभ सभी लोगों और सभी क्षेत्रों को मिले तथा सबको सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले । उन्होंने कहा कि उनकी नजर में यही सबसे बड़ा सामाजिक न्याय है।   श्री मोदी ने इंटरनेट प्रौद्योगिकी पर बढ़ती निर्भरता के वर्तमान दौर में साइबर सिक्योरिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी के महत्व को रेखांकित करते हुए शुक्रवार को कहा कि साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नेटवर्क उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि भारत 2014 के बाद प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्र में नये आयाम तय कर रहा है उन्होंने कहा कि हम न सिर्फ भारत में तेजी से 5जी का विस्तार कर रहे हैं बल्कि 6जी के क्षेत्र में भी लीडर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी का यह कालखंड भारत की थॉट लीडरशिप (नयी-नयी सोच रखने वाले लोगों) का समय है। हम कुछ क्षेत्रों में थॉट लीडर बने हैं, जैसे यूपीआई हमारी थॉट लीडरशिप नयी सोच का परिणाम है, देश आज डिजिटल भुगतान प्रणाली में पूरी दुनिया का नेतृत्व कर रहा है , इसी तरह कोविड महामारी के समय में टीकाकरण के लिए कोविन हमारी नेतृत्वकारी सोच का नतीजा था।

उन्होंने विश्वास जताया कि भारत 6जी तकनीक के साथ अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकाल में 4जी का तेजी से विस्तार हुआ और हम पर कोई दाग नहीं लगा। प्रधानमंत्री का इशारा पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय कथित 2जी घोटाले की ओर था। उद्घाटन सत्र को इस अवसर पर संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, संचार  राज्य मंत्री  देवुसिंह चौहान,  रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के  अध्यक्ष  आकाश एम अंबानी, भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष  सुनील  भारती मित्तल , आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष  कुमार मंगलम बिड़ला और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

दूरसंचार विभाग और सेल्यूलर मोबाइल आपरेटरों के मंच सीओएआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सीएमआई के इस 7वें संस्करण में ‘ग्लोबल डिजिटल इनोवेशन’ थीम के साथ आयोजित किए जाने वाला इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) एशिया का सबसे बड़ा दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी मंच है।

आईएमसी 2023 का लक्ष्य प्रमुख अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकासकर्ता, निर्माता और निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत बनाना है। प्रधानमंत्री ने 6जी, एआई, साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर, ड्रोन अथवा अंतरिक्ष क्षेत्र, गहरे समुद्र, हरित तकनीक जैसे क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य पूरी तरह से बदलने वाला है और यह प्रसन्नता का विषय है कि हमारी युवा पीढ़ी तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर रही है। उन्होंने कहा कि ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत 118वें स्थान से 43वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि  रैंकिंग और संख्या से परे इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्पीड में सुधार से जीवन सुलभ बनता है। उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा, पर्यटन और कृषि में बेहतर कनेक्टिविटी और गति के लाभों को रेखांकित किया। श्री मोदी ने कहा कि पूंजी, संसाधनों और प्रौद्योगिकी तक पहुंच हमारी सरकार की प्राथमिकता है।

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