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छात्र जीवन से अब तक की चर्चा की
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कश्मीर समस्या सेना से हल नहीं होगी
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भ्रष्टाचार पर मोदी की चुप्पी अब स्पष्ट है
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः अगले छह महीने में देश की सत्ता में नहीं लौटेगी बीजेपी! सत्यपाल मलिक ने राहुल से यह बातें कही। पुलवामा घटना और भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के बाद ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई का नोटिस मिला है।
खुद राहुल गांधी ने उनसे लगभग इंटरब्यू की तर्ज पर ज्वलंत मुद्दों पर बात चीत की। दोनों ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात को पोस्ट भी किया। राहुल ने बुधवार को सत्यपाल के साथ अपनी मुलाकात का एक वीडियो पोस्ट किया और कहा कि उन्होंने पुलवामा घटना के बाद से अडानी मुद्दे सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
सत्यपाल ने उस इंटरव्यू में राहुल के कई सवालों के जवाब दिए। इसमें 1974 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने की कहानी से लेकर मोदी युग के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल होने के अनुभव तक, साक्षात्कार में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है। सत्यपाल ने इंटरव्यू में राहुल से साफ कहा, सेना से कश्मीर समस्या का समाधान नहीं होगा।
राहुल गांधी द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो यहां देखिये
जम्मू-कश्मीर को तुरंत पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। सत्यपाल, जो अप्रैल 2019 के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, जिसमें 40 जवान मारे गए थे, ने इस साल अप्रैल में एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपना मुंह बंद रखने को कहा था। क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की लापरवाही और सुरक्षा की कमी के कारण काफिले पर हमला हुआ।
लेकिन सत्यपाल का दावा है कि प्रधानमंत्री ने उनसे कहा, यह अलग बात है। सत्यपाल को अपना मुंह बंद रखना चाहिए। उन्होंने राहुल से कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्होंने (मोदी सरकार ने) पुलवामा किया। लेकिन ये साफ है कि ये उनकी लापरवाही के कारण हुआ। सत्यपाल ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जवानों को घाटी तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल के अनुरोध को चार महीने तक रोके रखा और आखिरकार इसे रद्द कर दिया।
उन्होंने कहा, अंततः सीआरपीएफ अधिकारियों को जवानों को उस संवेदनशील इलाके में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि हेलीकॉप्टर नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जवानों के काफिले के जाने से पहले सड़क को सुरक्षित करने का कोई काम नहीं किया गया था।
मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद की घोषणा करके सत्ता में आए। ना खाऊंगा, ना खाऊंगा के नारे लगाए गए। लेकिन अडाणी समूह पर धोखाधड़ी, शेयर कीमत में हेराफेरी के आरोप लगने के बाद विपक्षी खेमे ने सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री के करीबी उद्योगपति गौतम अडाणी को क्या फायदा मिला है। इस पर मोदी चुप हैं।
इस संबंध में कुछ महीने पहले सत्यपाल ने पीएम को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए कुछ अनियमितताओं की जानकारी दी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आरएसएस नेता राम माधव की गतिविधियों के बारे में भी सरकार को जानकारी दी। लेकिन कुछ न हुआ। जब वे गोवा के राज्यपाल थे तब भी उन्होंने वहां की भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी थी। इसके बाद आनन-फ़ानन में उनका तबादला मेघालय कर दिया गया।
राहुल से बातचीत में सत्यपाल ने शिकायत की कि सरकार की ओर से मीडिया को नियमित रूप से चेतावनी दी जाती है कि कुछ विशेष औद्योगिक समूहों के भ्रष्टाचार के बारे में ख़बरें न छापें! उन्होंने यह भी दावा किया कि इसके चलते देश की जनता का मीडिया के प्रति भरोसा कम हो रहा है। पूर्व बीजेपी नेता सत्यपाल ने मोदी सरकार के किसान विरोधी कदम , अग्निवीर योजना के जरिए सेना को कमजोर करने के कदम और यहां तक कि महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर संघ के करीबियों की चयनात्मक नियुक्ति के बारे में भी शिकायत की।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गोवा में भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के कारण उन्हें मेघालय के राज्यपाल के पद पर दंडात्मक तरीके से स्थानांतरित किया गया था। यह दावा करते हुए कि महिला विधेयक से देश को कोई फायदा नहीं होगा, सत्यपाल ने राहुल से कहा, लेकिन यह दिखावा किया जा रहा है कि इससे महिलाओं को बहुत फायदा होगा। सत्यपाल ने भाजपा सरकार और केंद्र पर मणिपुर में शांति बहाल करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए राहुल से कहा, उत्तर-पूर्व स्थिर था, उन्होंने (भाजपा) इसे अस्थिर बना दिया। लेकिन सिर्फ छह महीने। लिख लें कि वे सत्ता में नहीं लौटेंगे। लेकिन साथ ही, उन्हें डर था कि अगर गांधीवादी बहुलवाद आरएसएस के कट्टरपंथी हिंदू धर्म को नहीं हरा सका, तो देश टूट जाएगा।