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नईदिल्लीः अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के एक पुजारी का गला कटा शव बरामद होने के मामले में सरगर्मी तेज है। गुरुवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच राम जन्मभूमि छतर के अंदर से उनका रक्तरंजित शव बरामद किया गया। पुलिस का प्रारंभिक अनुमान है कि उसकी हत्या किसी धारदार हथियार से की गयी है। 44 साल के पुजारी के दो शिष्य संदेह के निशाने पर हैं। पुलिस ने एक को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ कर रही है। एक अन्य शिष्य फरार है।
अयोध्या में राम मंदिर परिसर में हनुमानगढ़ी मंदिर है। उस मंदिर के एक पुजारी हैं राम सहारे दास। मंदिर परिसर के अंदर एक कमरे में रहता है। गुरुवार की सुबह सभी लोग पूजा-अर्चना के लिए घर से निकले तो भी राम सहर कहीं नजर नहीं आया। तब कुछ पुजारी उसे बुलाने उसके घर गये। उन्होंने देखा कि कमरे के फर्श पर लहूलुहान अवस्था में राम सहर का अकड़ गया शरीर पड़ा हुआ था। इस घटना से हड़कंप मच गया। खबर मिलते ही पुलिस तुरंत आ गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैयर ने कहा कि राम सहाय हनुमानगढ़ी मंदिर से कुछ ही दूरी पर एक घर में रहते थे। उनके दो शिष्य उनके साथ रहते थे। पुलिस को पता चला कि बुधवार की रात राम सहाय का दोनों शिष्यों से विवाद हो गया था। ऐसे में पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह हत्या थी या नहीं। राम सहाय के दोनों शिष्य संदिग्धों की सूची में हैं।
पुलिस अधिकारी नायर ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 7 बजे हत्या की जानकारी मिली। इसके बाद उसने मंदिर में आकर देखा तो राम सहाय का शव फर्श पर पड़ा था। ज़मीन खून से लथपथ है। सुबह की प्रार्थना से अनुपस्थित था, इसलिए राम सहाय की तलाश शुरू हुई। फिर देखा तो उसकी मौत हो गई। नायर ने आगे दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद यह समझ आया कि मंदिर में किसी ने प्रवेश नहीं किया था।
नतीजतन, पुलिस को यकीन हो गया कि मंदिर परिसर में ही किसी ने राम सहजी की हत्या कर दी। हत्या के लिए धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस अब छात्र से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर राम सहाय का शिष्य से विवाद में क्या संबंध था। इसी सिलसिले में उनके एक शिष्य से पूछताछ की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि फरार दूसरे शिष्य को भी जल्द पकड़ लिया जाएगा। बहरहाल, पूजा के दौरान इस घटना से अयोध्या में सनसनी फैल गई है।