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इजरायल-हमास संघर्ष में लेबनान भी कूदा

  • लेबनान के हिजबुल्लाह समूह ने हमला किया

  • गाजा पट्टी इलाके की पूर्ण घेराबंदी कर दी गयी

  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा पूर्ण सहायता प्रदान करेंगे

तेल अवीव: इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच जंग में लेबनान भी शामिल हो गया है और लेबनान के हिजबुल्लाह समूह ने टैंकरोधी मिसाइलों से इजरायली सेना पर हमला किया जिसके बाद इजरायली सेना ने लेबनान की ओर भी मोर्चा खोल दिया है।

उधर इजरायली हमले में हमास के दो बड़े कमांडरों के मारे जाने की खबर के बीच गुरुवार को ब्रुसेल्स में नाटो की एक महत्वपूर्ण बैठक में इजरायली रक्षा मंत्री नाटो देशों को संघर्ष की ताजा स्थिति की जानकारी देंगे। ताजा आंकड़ों के अनुसार इजरायली फौज के हाथों कम से कम 900 फिलिस्तीनियों की मौत हुयी जबकि हमास ने शनिवार को संघर्ष शुरू होने के बाद से 1200 से अधिक इजरायलियों को मौत के घाट उतारा है।

हमास ने शनिवार को गाजा पट्टी से इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला करके दुनिया को चौंका दिया है। इजरायल द्वारा सोमवार को पूरी तरह से नाकाबंदी करने के आदेश के बाद, गाजा पट्टी इलाके में पानी, खाद्य और ईंधन आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो गयी।

हमास से जुड़े एक फिलिस्तीनी चैनल अल अक्सा ने बुधवार को बताया कि गाजा पट्टी के दक्षिण में इजरायली हवाई हमले के दौरान हमास आंदोलन की सशस्त्र शाखा, अल-कसम ब्रिगेड के कमांडर के रिश्तेदार मारे गए। एक इजरायली युद्धक विमान ने अल-कसम के मुख्य कमांडर मोहम्मद अल-दीफ के भाई के घर को निशाना बनाया। चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, हमले में घर को पूरी तरह से नष्ट हो गया और हमले में खान यूनिस शहर में उनके भाई, साथ ही उनके भाई के बेटे और बेटी की मौत हो गयी है।

हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि बमबारी के समय ब्रिगेड कमांडर घर में मौजूद था या नहीं। चैनल ने यह भी बताया कि हमले के परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए। आज गाजा पट्टी पर इजरायली हमले में हमास के दो राजनीतिक अधिकारी मारे गए। इसबीच इजरायली रक्षा बलों ने (आईडीएफ) ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि आज एक इजरायली लड़ाकू विमान ने गाजा पट्टी में उस इस्लामिक विश्वविद्यालय को नेस्तनाबूद कर दिया जिसका उपयोग हमास सैन्य खुफिया कार्यकर्ताओं के लिए हथियारों के विकास और उत्पादन के साथ-साथ प्रशिक्षण शिविर के रूप में करता था।

आईडीएफ ने यह भी कहा कि इजरायल पर लेबनान की ओर से टैंकरोधी मिसाइलें दागी गयीं हैं जिसके बाद इजरायली सेना जवाबी कार्रवाई रही है। उधर अमेरिका के सैन्य सहयोगियों के संगठन -उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के प्रतिनिधि कल इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट से मिलेंगे और उनसे ताजा हालात की जानकारी लेने के बाद आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।

ब्रुसेल्स में नाटो सदस्य मंत्रियों की बैठक से पहले नाटो के महासचिव जेन्स स्टॉलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो सदस्य देशों के रक्षा मंत्री को इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट गुरुवार को 12 अक्टूबर को अपने युद्धग्रस्त क्षेत्र की स्थिति की जानकारी देंगे। इसी बीच, नीदरलैंड की रक्षा मंत्री काजसा ओलोंग्रेन ने कहा, फिलिस्तीन-इजरायल के बीच संघर्ष बढ़ने से क्षेत्र में अस्थिरता एवं असुरक्षा का खतरा और अधिक फैल गया है लेकिन नाटो का पूरा ध्यान यूक्रेन पर भी है। उधर मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने संवाददाताओं से कहा, रूस, इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ बातचीत करता है लेकिन वह आतंकवादी कृत्यों की निंदा किए बिना नहीं रह सकता है।

इधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि सप्ताहांत में हमास के हमलों का जवाब देना इजरायल का अधिकार और कर्तव्य है, जिसे उन्होंने सरासर दुष्ट कृत्य करार दिया है। श्री बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा रहेगा और उसे जो भी सहायता की आवश्यकता होगी वह प्रदान करेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता ने कहा कि कम से कम 20 अमेरिकी लापता थे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने को हमास ने बंदी बना लिया है। उन्होंने कहा,अमेरिका में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है। न यहूदियों के खिलाफ, न मुसलमानों के खिलाफ, न किसी के खिलाफ।

हमास की निंदा, पर फिलिस्तीनियों का सम्मान भी जरूरी : थरूर

नयी दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर ने इजरायल पर हमास के हमले को एक जघन्य आतंकवादी हमला करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है और कहा है कि भारत ने हमेशा से चाहा है कि इजरायली एवं फिलिस्तीनी दोनों ही अपनी अपनी सुरक्षित सीमाओं में शांति और सम्मान से रहें लेकिन इसके लिए संघर्ष का रुकना एवं शांति बहाली जरूरी है।

श्री थरूर ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर कांग्रेस कार्यसमिति के बयान लेकर उठे विवाद पर पार्टी की राय विस्तार से रखी और कहा, सबसे पहले पूरी स्थिति इजरायल में राष्ट्रीय अवकाश के दौरान हमास द्वारा अचानक किए गए हमले से भड़की है, यह एक आतंकी ऑपरेशन था। उन्होंने निर्दोष नागरिकों, बच्चों को मार डाला। बुजुर्ग लोग और युवा एक संगीत समारोह में भाग ले रहे हैं। हमास ने जो किया उसके लिए किसी भी औचित्य को स्वीकार करना वास्तव में असंभव था।

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