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फिर भड़की हिंसा में भाजपा कार्यालय को जला दिया

  • सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैः जयशंकर

  • गौरव गोगोई ने छात्रों की हत्या पर कार्रवाई की मांग की

  • इंफाल घाटी में मौत के बाद ताजा विरोध प्रदर्शन का दौर

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी: मणिपुर में हिंसा और आगजनी की घटनाएं लगातार जारी हैं।यहां कई इलाकों में झड़प और गोलीबारी की खबरें आ रही हैं।यहां सेना के साथ अन्य सुरक्षा बल उपद्रवियों से निपटने के लिए एक्शन में हैं। इसी बीच यहां कई भाजपा नेताओं के घरों के साथ-साथ भाजपा कार्यालय को भी निशाना बनाया गया। इंफाल में भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ किए जाने की खबर है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि थौबल जिले में भाजपा मंडल कार्यालय जला दिया गया है।

गुस्साई भीड़ ने 27 सितंबर को थौबल जिले में भाजपा के एक मंडल कार्यालय में आग लगा दी थी। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब जातीय कलह के बीच भाजपा कार्यालय पर हमला किया गया है, इससे पहले जून में थौबल जिले में तीन भाजपा कार्यालयों में उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी।

भाजपा थौबल जिला कार्यालय में तोड़फोड़ की गई क्योंकि भीड़ ने परिसर में खड़ी महिंद्रा स्कॉर्पियो के कार्यालय के गेट, खिड़कियां और विंडशील्ड को नष्ट कर दिया।दूसरी ओर, इंफाल घाटी में दो लापता छात्रों की मौत को लेकर ताजा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और स्थिति आज फिर तनावपूर्ण हो गई है।

इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों के छात्रों ने दो छात्रों की हत्या के विरोध में विरोध रैलियों का आयोजन किया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर की राज्य सरकार से जुलाई 2023 में लापता हुए दो किशोर छात्रों की हत्या में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का कहना है, कांग्रेस पार्टी इन दोनों छात्रों की मौत पर संवेदना व्यक्त करती है। हम चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। हम चाहते हैं कि सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। कांग्रेस पार्टी मणिपुर के छात्रों के दर्द और गुस्से को समझती है और हम उनके साथ हैं।इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और मांग की कि वह भाजपा के अक्षम मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को हथियार बनाया गया है और भाजपा पर मणिपुर को युद्ध के मैदान में बदलने का आरोप लगाया।  सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाईं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक मणिपुर में शांति लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। साथ ही सरकार ऐसा रास्ता तलाश रही है, जिससे वहां स्थिति सामान्य हो सके और पर्याप्त कानून-व्यवस्था लागू हो। विदेश मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि मणिपुर की हालत के यहां आए प्रवासी भी जिम्मेदार हैं। हालांकि, ऐसे तनाव भी हैं, जिनका स्पष्ट रूप से एक लंबा इतिहास रहा है जो उससे पहले का है। इस महीने की शुरुआत में, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के एक समूह ने कहा था कि वे मणिपुर में महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाकर की गई हिंसा की खबरों और तस्वीरों से हैरान हैं।

केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष टीम 27 सितंबर को एक विशेष विमान से इंफाल पहुंची। यह टीम हिजाम लुवांगबी लिंथोइंगानबी और फिलेम हेमनजीत की हत्या के मामले की जांच करेगी।  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के तहत यह कदम उठाया गया है।  मणिपुर की इंफाल घाटी में 26 सितंबर को पुलिस ने जुलाई में लापता हुए दो युवकों की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रही भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे थे और लाठीचार्ज किया था, जिसमें 40 छात्र घायल हो गए थे। 25 सितंबर को सोशल मीडिया पर दो युवकों के शवों की तस्वीरें वायरल होने के कुछ घंटों बाद छात्रों ने विरोध रैलियां निकालीं।

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