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डीएसपी गौरव अपराधी को बंगाल पुलिस से लेकर भागे

  • बंगाल पुलिस से भी हुई नोंकझोंक

  • उसकी गिरफ्तारी सर्जिकल स्ट्राइक जैसी थी

  • कही गाड़ी का तेल खत्म तो कही आंधी व पुलिस ने रोका

दीपक नौरंगी

भागलपुरः भागलपुर शहर के कुख्यात टिंकू मियां की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है।वही उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने बंगाल मे जो सर्जिकल स्ट्राइक चलाया वो काफी मुश्किल भरा था। गिरफ्तारी मे शामिल पुलिस सूत्रों कि माने तो डीएसपी गौरव कुमार तीन स्कार्पियो के साथ टिंकू को दबोचने निकले थे।

जब पुलिस झारखंड बॉडर पार कर बंगाल पहुंची तो तेज बारिश और आंधी आ गयी। बंगाल के मसानजोर से लेकर बीरभूम के पाथरचुपरी तक का रास्ता घुमावदार व पहाड़ों के बीच था जिसमें पुलिस की गाड़ी को चलने मे काफी मुश्किल हो रही थी। पाथरचुपरी से 25 किलोमीटर पहले पुलिस के एक गाड़ी का तेल खत्म हो गया। भारी मसक्कत के बाद गाड़ी किसी तरह पेट्रोल पंप तक ले जाया गया जहां सभी गाड़ियों की टंकी भरा गया।

वहां से जब पुलिस आगे बढ़ी तो पता चला कि जिस पाथरचुपरी गांव मे टिंकू रुका है वो एक विशेष समुदाय का इलाका है और मुख्य मार्ग से 16 किलोमीटर अंदर है। पुलिस को शुरुआत मे वहां रेड करना थोड़ा जोखिम भरा लग रहा था। । पुलिस नहीं चाहती थी बंगाल पुलिस की मदद ली जाए,क्योंकि वहां कि पुलिस को सहयोग मे लेने के बाद कानूनी पचड़े मे पड़ने की पुलजोर संभावना थी।

एक गाड़ी से गांव का पहले रैकी किया।जब देख लिया कि सारे गांववाले सो गये जब पुलिस ने होटल मे धाबा बोला। वहां उसे गिरफ्तार कर जैसे ही निकलने लगी कि बंगाल पुलिस ने रोक लिया। बंगाल पुलिस पूछताछ करने लगी।दोनों पुलिस मे नोकझोंक शुरू हो गई।जिस गाड़ी मे टिंकू बैठा था उसमें डीएसपी डा गौरव खुद थे।

उन्होंने अपने गाड़ी को अचानक तेज गति से भगाना शुरू कर दिया। बंगाल पुलिस जबतक पीछा करती तबतक बिहार पुलिस काफी आगे निकल चुकी थी। क्योंकि सच्चाई पर भरोसा करें तो बंगाल पुलिस के हाथ  यदि टिंकू मियां लगता तो भागलपुर पुलिस टिंकू मियां को भागलपुर नहीं ला सकती थी क्योंकि बंगाल का कानून और नियम अन्य राज्यों से कुछ अलग माने जाते हैं?

इंस्पेक्टर की मॉब लिंचिंग और हत्या के बाद बंगाल मे रेड करना आसान नहीं

टिंकू मियां की बंगाल मे जाकर गिरफ्तारी करनेवाली बिहार व भागलपुर पुलिस की चहुंओर तारीफ हो रही है ।वही कुछ पुलिसवाले भी आश्चर्यचकित है। कारण कि अप्रेल 2021 मे किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार को किशनगंज से मात्र 16 किलोमीटर अंदर बंगाल मे जाकर रेड करना महंगा पड़ गया था।

बंगाल मे भीड़ ने उनकी पीट पीटकर हत्या कर दी थी। तब से बंगाल मे रेड के नाम पर बिहार पुलिस डर सा बना हुआ रहता है ऐसें मे भागलपुर से 200 किलोमीटर दूर बंगाल के बीरभूम मे रेड कर टिंकू को लेकर वापस डीएसपी डा गौरव का आ जाना काबिले तारीफ़ कम नहीं माना जा रहा है। सीनियर एसपी आनंद कुमार की प्रशंसा भी चारों तरफ शहर में देखी जा रही है और टिंकू की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता सफलता मानी जा रही है

कई चर्चित हत्या मे टिंकू की है संलिप्तता, बड़े सफेदपोशों से संपर्क

टिंकू मियां से पुलिस ने कड़ी पूछताछ कि है जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे हुए है।बताया जाता है कि शहर के एक पूर्व मेयर सहित बड़े सफेदपोश , कारोबारी व भूमाफियाओं से टिंकू का काफी गहरा रिश्ता था।उनलोगों के इशारे पर टिंकू मियां ने अपने शुटरो से कई लोगों कि हत्या कर दी थी।शहर के कई चर्चित हत्याकांड का अबतक खुलासा नहीं हो सका है।उन हत्याकांड का दो दसक बीत चुका पर शहर की पुलिस कुछ नहीं सुराग निकल सकी।

इसमें चर्चित मामला पेट्रोल पंप मैनेजर जयकिशन शर्मा हत्याकांड व नाथनगर के गाजीबाबा हत्याकांड शामिल हैं।चुनिहारी टोला निवासी जयकिशन शर्मा कि हत्या 27 जनवरी2014 को हुई थी।घटना के पीछे बेसकिमती जमीन का मामला था पुलिसिया शक के दायरे मे आये थे।इनलोगों से पूछताछ भी हुई थी।वही गाजीबाबा कि हत्या 8 सितंबर 2014 को नाथनगर के मोमिनटोला मे कर दी गई थी।इस घटना के पीछे भी कबीरपुर की बेसकिमती जमीन का विवाद सामने आया था।

14 म ई 2014 को पार्षद चमरु मिया पर बड़ी पोस्ट आफिस के साथ हत्या की नियत से फायरिंग की गयी थी। 31 मई 2017 को आनंदमार्ग कलोनी के शास्वत वर्मा अपहरण कांड जैसे बड़े बड़े फेहरिस्त है जिसमें कहा जाता है कि इन सभी घटनाओं टिंकू का हाथ था।उसने मोटी रकम लेकर अपने शुटरो से हत्या व गुर्गो से अपहरण, रंगदारी आदि कि घटना कराता था। पुलिस सूत्रों कि माने तो टिंकू ने जिन जिन सफेदपोशों ,भूमाफियाओं साथ साथ शहर के चर्चित पत्रकारों और कारोबारियों से रिश्ते की बात कबूला है पुलिस उस मामले कि भी जांच करेगी। पूर्व के हत्या, अपहरण व रंगदारी तथा गोलीबारी मामले मे भी सफेदपोश व कारोबारियों से फिर से पूछताछ करने की तैयारी पुलिस कर रही है।

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