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अपहृत विदेशी छात्र उड़ीसा के इलाके से सकुशल बरामद

शांतिनिकेतन में पढ़ रहा था म्यांमार का युवक

  • पैसे के लेनदेन में हुआ था विवाद

  • अपराध से जुड़े एक दर्जन गिरफ्तार

  • फोन के जरिए खोजे गये सभी लोग

राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः शांतिनिकेतन के विश्व भारती से अपहृत विदेशी छात्र को ओडिशा से बचाया गया। बीरभूम और पूर्वी मिदनापुर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर म्यांमार के छात्र को ओडिशा सीमा से बचाया। विदेशी छात्रों का अपहरण करने वाले आठ लोगों को वहां से गिरफ्तार कर लिया गया, जो पूर्वी मेदिनीपुर के रहने वाले हैं।

इसके अलावा बीरभूम से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विश्व भारती के विदेशी छात्र के किराये के मकान से अपहरण के मामले में करोड़ों रुपये के लेन देन की जानकारी सामने आई है। घटना की जांच करते हुए, बीरभूम जिले के जांचकर्ताओं को शुरू में पता चला कि म्यांमार का छात्र बालों के व्यापार व्यवसाय में शामिल था। हो सकता है कि उस लेन-देन में पैसे को लेकर हुई उलझन के कारण उसे घर से निकाल दिया गया हो।

जिला पुलिस अधीक्षक राजनारायण मुखोपाध्याय ने कहा, इस घटना में कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किये गये चार लोग बीरभूम जिले के रहने वाले हैं। दुबराजपुर से तीन और नानूर से एक। बाकी आठ पूर्व मेदिनीपुर के हैं। विश्व भारती के छात्र को स्वस्थ हालत में बचाया गया। उसे जिले में लाया जा रहा है। पूर्वी मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक सौम्यदीप भट्टाचार्य ने कहा, पूर्वी मेदिनीपुर और बीरभूम पुलिस के संयुक्त अभियान में ओडिशा सीमा से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गुरुवार को विश्व भारती के अधिकारियों ने शिकायत दर्ज कराई कि विश्व भारती के एक शोधकर्ता का बोलपुर शहर के वार्ड नंबर 6, इंदिरापल्ली में एक किराए के घर से अपहरण कर लिया गया था। यूनिवर्सिटी सूत्रों के मुताबिक, म्यांमार का छात्र 2015 से यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है। वर्तमान में वह संस्कृत विभाग में पीएचडी विद्वान हैं।

छात्र और उसका एक सहपाठी इंदिरापल्ली में किराए के एक मंजिला मकान में रहते हैं। आरोप है कि 12-14 लोग कई कारों में आए और विदेशी छात्र का अपहरण कर लिया। जांचकर्ताओं के सूत्रों के मुताबिक, जिन तीन लोगों को दुबराजपुर से गिरफ्तार किया गया है उनके नाम अज़हरुद्दीन मिर्धा, शेख अलाउद्दीन और अताउल्लाह शेख हैं।

वे इलाके में बालों का कारोबार करते थे। विदेशी छात्र भी उनके साथ काम करता था। वे सभी पूर्वी मेदिनीपुर में एक बाल व्यापारी के अधीन काम करते थे। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि विदेशी छात्र को छह करोड़ रुपये देने थे। लेकिन उन्होंने 5 करोड़ 50 लाख रुपए दिए। बाकी 50 लाख रुपये को लेकर गड़बड़ी है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, म्यांमार के छात्र का अपहरण कर उसे ओडिशा के तलसारी समुद्र तट पर ले जाया गया था। पुलिस ने सीसीटीवी और फोन कॉल के आधार पर उन्हें ढूंढ निकाला। इसी तरह पूर्वी मेदिनीपुर की पुलिस से संपर्क कर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। जांचकर्ताओं के सूत्रों के मुताबिक इस घटना के सूत्र के आधार पर अंतरराष्ट्रीय गिरोह के ठिकाने का पता चल गया है।

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