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तवांग के पास बनी है पांच सौ मीटर की सुरंग
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नेचिपु सुरंग से सेना परिवहन को फायदा
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बालीपारा-चारदुआर-तवांग सड़क के पास
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी :रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में सड़क और पुल परियोजनाओं का ऑनलाइन उद्धाटन किया।केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में 36 सड़क और पुल परियोजनाओं का ऑनलाइन उद्धाटन किया। इन परियोजनाओं में तवांग को असम के बालीपारा से जोड़ने वाली, सामरिक रूप से अहम नेचिफू सुरंग भी शामिल है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 5700 फीट की ऊंचाई पर स्थित नेचिपू सुरंग का उद्घाटन किया है। यह 500 मीटर लंबी सुरंग अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले को भारत-चीन सीमा से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती है, और इसके पूरा होने को क्षेत्र के नागरिकों और प्रतिनिधियों से सराहना मिली है।
रक्षा मंत्री ने जम्मू से ऑनलाइन माध्यम से देश भर में कुल 90 प्रमुख सीमा बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की. चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सड़क संगठन (बीआरओ) की यह परियोजनाएं 2,941 करोड़ रुपये की लागत की हैं।बीआरओ अधिकारी ने कहा कि डिजिटल रूप से जिन 89 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें से 36 अरुणाचल प्रदेश में, 25 लद्दाख में, 11 जम्मू- कश्मीर में, पांच मिजोरम में, तीन हिमाचल प्रदेश में, दो-दो सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में और एक-एक नगालैंड, राजस्थान और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में हैं।
अरुणाचल प्रदेश पर आए दिन चीन दावा करता है। वहीं लद्दाख में भारत और चाइना के बीच कई बार झड़प हो चुकी है। इस कारण इस परियोजना को काफी अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड पर 500 मीटर लंबी नेचिफू सुरंग रणनीतिक तवांग क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और यहां तैनात सशस्त्र बलों तथा प्राचीन तवांग क्षेत्र का दौरा करने वाले पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद होगी।
प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बागडोगरा और बैरकपुर हवाई अड्डों के पुनर्निर्माण एवं पुनरुद्धार से न केवल सीमाओं पर भारतीय वायु सेना की रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र में वाणिज्यिक उड़ान संचालन की सुविधा भी मिलेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में न्योमा हवाई पट्टी की डिजिटल रूप से नींव भी रखी, जिसे 218 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस हवाई पट्टी के निर्माण से लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलेगा और उत्तरी सीमाओं पर भारतीय वायुसेना की क्षमता में वृद्धि होगी। बीआरओ के एक प्रवक्ता ने कहा कि देवक पुल रक्षा बलों के लिए सामरिक महत्व का है। इससे सैनिकों, भारी उपकरणों और मशीनीकृत वाहनों को अग्रिम क्षेत्रों में तेजी से भेजने में मदद मिलेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।