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असम राइफल्स को चेक नाकों से हटाना पड़ा

राष्ट्रीय खबर

अगरतलाः मणिपुर सरकार का हाल दरअसल क्या है, इसका खुलासा इस बात से भी हो गया कि अब मैतेई संगठनों ने असम राइफल्स के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगा दिया। दरअसल असम राइफल्स को वहां तैनात किये जाने के समय से ही मणिपुर पुलिस को इससे असुविधा हो रही थी। दूसरी तरफ कुकी समुदाय का आरोप है कि मणिपुर की पुलिस पूरी तरह मैतेई समुदाय के लिए काम कर रही है। इसी वजह से दो कुकी महिलाओं के साथ वैसे दुर्व्यहार किया जा सका क्योंकि भीड़ ने पुलिस के हाथों से दोनों महिलाओं को छीन लिया था।

अब ताजी जानकारी के मुताबिक  संघर्षग्रस्त मणिपुर में सुरक्षा तैनाती के संबंध में एक बड़े बदलाव में, सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं द्वारा केंद्रीय अर्धसैनिक बल पर आरोप लगाते हुए कई स्थानों पर सड़कों पर उतरने के बाद बिष्णुपुर जिले के मोइरांग लमखाई में एक महत्वपूर्ण चौकी पर असम राइफल्स को हटा दिया गया है और उनकी जगह सीआरपीएफ को तैनात कर दिया गया है।

घाटी के जिलों में नागरिकों के प्रति क्रूरता। असम राइफल्स का प्रशासनिक नियंत्रण केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है, जबकि सेना के पास परिचालन नियंत्रण है। मणिपुर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ने सोमवार शाम को एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि पुलिस और सीआरपीएफ इकाइयां बिष्णुपुर-कांगवई रोड के साथ चेकपॉइंट पर तत्काल प्रभाव से 9 असम राइफल्स की जगह लेंगी, जो हाल ही में अत्यधिक तनावपूर्ण है।

पिछले तीन महीनों में असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस कमांडो के बीच तीखी बहस के कई वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आए हैं। मैतेई महिलाओं के सतर्क समूह मीरा पैबी ने कल मणिपुर घाटी के पांच जिलों में असम राइफल्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि अर्धसैनिक बल ने मैतेई लोगों पर “अत्याचार किया”। घाटी के पांच जिलों – इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग से असम राइफल्स को हटाने की मांग करते हुए सैकड़ों महिलाएं तख्तियां और बैनर लेकर पूरे दिन प्रदर्शन करती रहीं। मणिपुर में फिलहाल केंद्रीय बलों की करीब 130 कंपनियां तैनात हैं।

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