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शोर शराबे के बीच ही सरकार ने दो विधेयक पारित कराये

  • राजनाथ सिंह ने पेश किया एक विधेयक

  • धर्मेंद्र प्रधान ने पेश किया दूसरा विधेयक

  • सत्ता पक्ष ने खडगे को बोलने से रोका

नयी दिल्ली: लोकसभा में शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे के बीच द इंटर सर्विसेज आर्गनाइजेशन (कमांड कंट्रोल एंड डिसिपलिन) विधेयक 2023 और भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2023 ध्वनिमत से पारित किये गये। इस दौरान विपक्षी सदस्य मणिपुर मुद्दे पर चर्चा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सदन में आकर वक्तव्य देने की मांग को लेकर हंगामा और नारेबाजी करते रहे।

पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपनी-अपनी सीटों पर जाकर इन महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा में भाग लें। इसके बाद भी विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने द इंटर सर्विसेज आर्गनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिपलिन) विधेयक 2023 को पेश करते हुए कहा कि यह सेना के तीनों सेवाओं में अनुशासन बनाने में मददगार होगा।

कमांडिंग आॅफिसर या कमांडिंग इन चीफ तीनों सेनाओं के मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकते हैं।  श्री सिंह ने कहा कि यह विधेयक सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस विधेयक से सैन्य बलों पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। यह विधेयक सेना अधिनियमों में किसी तरह का बदलाव भी नहीं करता। स्थायी समिति ने बिना किसी संशोधन के इस विधेयक को अनुमोदन प्रदान किया है। इसके बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

इसके बाद शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया। विधेयक के बारे में श्री प्रधान ने कहा कि इसके माध्यम से प्रबंधकीय जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी। इस विधेयक में मुम्बई के एक संस्थान को भारतीय प्रबंधन संस्थान का दर्जा देने के प्रावधान किये गये हैं। इसके माध्यम से सभी भारतीय प्रबंधन संस्थान में एकरूपता लायी जा सकेगी और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।  इस दौरान विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लिए सदन के बीचोंबीच मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग और प्रधानमंत्री से सदन में आकर वक्तव्य देने की मांग को लेकर नारेबाजी और हंगामा करते रहे।

राजस्थान में एक बच्ची की हत्या कर शव को भट्टी में जलाने के मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा कराये जाने की मांग को लेकर सत्तापक्ष की नारेबाजी के बीच विपक्ष के मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर जोरदार हंगामा करने के कारण आज सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी और शून्यकाल नहीं हो सका।

सभापति जगदीप धनखड़ ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सदस्यों सर्वश्री वेंकटरमना राव मोपीदेवी, प्रो मनोज कुमार झा और इमरान प्रतापगढ़ी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसको देखकर विपक्षी सदस्य विशेषकर कांग्रेस के सदस्य भी नारा लगाते हुये अपनी अपनी सीटों से उठकर आगे आ गये। इस दौरान सभापति ने कांग्रेस के जयराम रमेश से सवाल पूछा कि क्या हम अपने सदस्यों को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी नहीं दे सकते हैं।

इसके बाद सदन में शांति हो गयी और इन तीनों सदस्यों को शुभकामनाएं दी गयी। श्री प्रतापगढ़ी का जन्मदिन छह अगस्त को है लेकिन उस दिन अवकाश होने के कारण आज ही उनको भी शुभकामनाएं दी गयी।  सदन के नेता पीयूष गोयल ने राजस्थान में एक बच्ची की हत्याकर शव को टुकड़े टुकड़े कर भट्टी में जलाये जाने का मुद्दा उठाते हुये इस पर कार्य स्थगन कर चर्चा कराये जाने की मांग की। श्री खड़गे बोलने लगे तभी सत्तापक्ष के सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया जिसके जवाब में विपक्षी सदस्यों ने भी नारेबाजी शुरू दी। इस पर सभापति ने 11:31 बजे सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी जिसके कारण आज शून्यकाल नहीं हो सका।

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