नईदिल्लीः इंडिया ब्लॉक के नेता जो इस समय मणिपुर में हैं, उन्होंने सरकार द्वारा आवंटित राहत शिविरों में लोगों की स्थिति को देखकर दुख व्यक्त किया है। कांग्रेस सांसद फूलोदेवी नेताम ने बताया कि एक हॉल में 400-500 लोग रह रहे हैं। राज्य सरकार उन्हें केवल दाल-चावल मुहैया करा रही है, बच्चों को पूरे दिन खाने के लिए और कुछ नहीं मिल रहा है।
शौचालय या बाथरूम की कोई सुविधा नहीं है। जिस तरह से लोग शिविरों में रह रहे हैं वह बहुत हृदय विदारक है। इंडिया गठबंधन के नेता जो वर्तमान में मणिपुर में हैं, उन्होंने उन स्थितियों को देखने के बाद दुख व्यक्त किया जिनमें लोग सरकार द्वारा आवंटित राहत शिविरों में रह रहे हैं।
कई अन्य सांसदों ने वहां रहने वाले लोगों से अलग अलग बात चीत की और उन्हें इस बात के लिए आश्वस्त किया कि देश की जनता उनके दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ी है। इन नेताओं ने राहत शिविरों में रहने वालों से कहा कि भले ही समय कुछ खराब चल रहा है पर वे धैर्य बनाये रखें। सब कुछ ठीक हो जाएगा क्योंकि पूरे देश की जनता मणिपुर की परिस्थिति को लेकर चिंतित है।
सभी अपने अपने स्तरों पर शांति और सदभाव कायम हो, इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर चिंता जतायी कि राहत शिविरों में रहने वालों के मन में राज्य और केंद्र सरकार पर से भरोसा ही खत्म हो गया है। हिंसापीड़ित लोगों में से अधिकांश यह मानते हैं कि दरअसल ऐसी हिंसा सिर्फ सरकारी संरक्षण में ही हो सकती है।
अपने घर छोड़कर भागने वाले कुकी समुदाय के लोगों का स्पष्ट आरोप है कि इस हिंसा को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की भूमिका रही है। सरकार पर से भरोसा उठ जाने की वजह से ही वे अपने लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।