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पश्चिम बंगाल में रक्तरंजित रहा पंचायत का चुनाव

  • अनेक स्थानों पर दलों में आपसी टकराव

  • मारे गये लोगों में सात लोग टीएमसी के

  • भाजपा के लिए काम कर रहे हैं राज्यपाल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण के दौरान शनिवार को हुई हिंसा में राज्य के विभिन्न हिस्सों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष दोनों के प्रति निष्ठा रखने वाले 12 लोगों की मौत हो गई। हिंसा की घटनाओं में एक उम्मीदवार सहित तृणमूल कांग्रेस के सात कार्यकर्ता मारे गए, भारतीय जनता पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दो-दो तथा कांग्रेस का एक कार्यकर्ता मारा गया।

उत्तर और दक्षिण 24 परगना के अलावा मुर्शिदाबाद, मालदा तथा कूच बिहार जिले भी हिंसा की चपेट में हैं। हिंसक झड़पों में बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने के अलावा, कम से कम दो मतदान केंद्रों पर मतपेटियाँ नष्ट कर दी गयीं। इस बीच, सुबह 11 बजे तक केवल 22.6 प्रतिशत वोट पड़े जो ग्रामीण बंगाल के इतिहास में अब तक का सबसे कम वोट है।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य में पंचायत मतदान के दौरान मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने मतदान प्रक्रिया वाले कई क्षेत्रों का दौरा किया और राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया। राज्यपाल ने पूछा,लोकतंत्र के रक्षकों की रक्षा कौन करेगा।

चुनाव आयोग कहीं नजर नहीं आता, फिर भी चुनाव आयुक्त चुप्पी साधे हुए हैं। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें बताया गया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से हत्याओं और हिंसा की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा,आम लोगों की रक्षा कौन करेगा। चुनाव आयोग चुप है। मैंने उनसे जवाब देने को कहा है कि लोगों और लोकतंत्र की रक्षा करने वाला कौन है।

इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय बलों की विफलता है। तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पीड़ितों में से अधिकांश उनके समर्थक थे। उन्होंने राज्यपाल को भाजपा एजेंट बताते हुए आरोप लगाया कि श्री बोस आज भी सड़कों पर प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा,श्री बोस (राज्यपाल) को 11 जुलाई के बाद बैग और सामान के साथ तैयार रहना चाहिए, जिस दिन चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि जो लोग लोकतंत्र के सिद्धांतों की वकालत करते थे, वे ही इसके पतन के लिए जिम्मेदार हैं। उत्तर दिनाजपुर के विद्यानंदपुर ग्राम पंचायत के निवर्तमान प्रधान पर बंगाल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा बेरहमी से हमला किया गया। केंद्रीय बलों का कहीं पता नहीं है। तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया,भगवानपुर-द्वितीय ब्लॉक के बरोज ग्राम पंचायत में भाजपा विधायक रबींद्रनाथ मैती को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मदद से बूथ पर कब्जा करते देखा गया।

हमारे समर्थकों पर भाजपा के कथित गुंडों द्वारा अत्याचार और हमला किया जा रहा है। इस बीच, सीआरपीएफ एक मूकदर्शक की भूमिका निभा रही है। तृणमूल कांग्रेस ने पूछा,क्या इसीलिए बंगाल भाजपा ने केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की? बंगाल के लोगों पर हिंसा भड़काने में उनकी सहायता के लिए?

भाजपा, माकपा और कांग्रेस मौत तथा सामूहिक विनाश के इस रंगमंच में अपनी अग्रिम पंक्ति की सीटों का आनंद ले रहे होंगे। कूचबिहार के दिनहाटा में एक मतदान केंद्र के बाहर गोलीबारी की जिससे लोगों को वोट देने के उनके मौलिक अधिकार का प्रयोग करने से रोका गया।

नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया,पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव-लोकतंत्र का कार्निवल, ममता बनर्जी के गुर्गे और सुपारी हत्यारे व राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा राज्य भर में उनकी योजनाओं को क्रियान्वित कर रहे हैं। यह उनका लोकतंत्र मॉडल है। विधायक ने लोगों और अपने समर्थकों से कालीघाट चलो का आह्वान किया। उन्होंने गरजते हुए कहा, अगर गोलीबारी हुई तो मैं मार्च का नेतृत्व करूंगा। मैं बंगाल में लोकतंत्र की बहाली के लिए किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हूं। मैंने लोकतंत्र को बचाने के लिए उनकी पार्टी (टीएमसी) और दोस्ती छोड़ दी । राज्य में धारा 356 या 355 लगाने की मांग की।

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